पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में 25 जुलाई को आम चुनाव के लिए वोटिंग होनी है. इससे पहले पिछले करीब दो महीने से चल रहा चुनाव प्रचार का शोर आज आधी रात को थम जाएगा. तमाम राजनीतिक दलों के उम्मीदवार और नेता चुनाव प्रचार के आखिरी दौर में मतदाताओं को अपने पक्ष में करने की कोशिशों में लगे हुए हैं.
पाकिस्तान में कुल 342 सीटों के लिए वोटिंग होनी है. इसमें से 272 सीटों पर सीधे चुनाव होंगे, जबकि 70 सीटें आरक्षित हैं. आइए आपको बताते हैं पाकिस्तान इलेक्शन से जुड़ी खास बातें.
342 सीट, 3 हजार से ज्यादा दावेदार
पाकिस्तान की नेशनल असेंबली की कुल 342 सीटों के लिए इस आम चुनाव में 12 हजार से ज्यादा उम्मीदवार संसद और चार प्रांतीय विधानसभाओं के लिए चुनाव मैदान में हैं. नेशनल असेंबली के लिए 3,675 और प्रांतीय विधानसभाओं के लिए 8,895 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं.
इस चुनाव में 342 सीटों के लिए 3 हजार 459 उम्मीदवार मैदान में हैं.
10 करोड़ से ज्यादा वोटर
इस बार के आम चुनावों में 10,59,55,407 वोटर वोट करेंगे. 5 साल पहले यानी 2013 में चुनावों में केवल 55 फीसदी वोट पड़े थे. इसमें से 5.92 करोड़ पुरुष और 4.67 करोड़ महिला वोटर हैं.
PML-N और PTI के बीच सीधी टक्कर
इस बार के चुनावों में सीधी टक्कर नवाज शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज और क्रिकेटर से नेता बने इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के बीच मानी जा रही है. इसके बाद बिलावल भुट्टो जरदारी की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) भी मुकाबले में है.
पाकिस्तान पर राज करने के लिए पंजाब जीतना जरूरी
पाकिस्तान के चुनाव में पंजाब प्रांत बेहद अहम है. कहा जाता है कि पाकिस्तान में सरकार बनाने के लिए पंजाब प्रांत जीतना जरूरी होता है, यानी जिसका पंजाब, उसका पाकिस्तान. इसके पीछे वजह ये है कि पंजाब प्रांत पाकिस्तान का सबसे ज्यादा आबादी वाला राज्य है, क्योंकि पाकिस्तान की करीब आधी आबादी पंजाब प्रांत में रहती है. इसके अलावा पाकिस्तान की नेशनल असेंबली की कुल 342 सीटों में से 183 सीटें पंजाब प्रांत में ही हैं.
पंजाब प्रांत को नवाज शरीफ की पीएमएल-एन का गढ़ माना जाता है. लेकिन इस बार यहां इमरान खान की पीटीआई उसे कड़ी टक्कर देने को तैयार दिख रही है.
पिछले चुनाव में PML-N थी सबसे बड़ी पार्टी
पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में कुल 342 सीटें हैं. इनमें से 70 सीटें आरक्षित हैं. पिछले चुनाव में नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग (पीएमएल-एन) को 170, बिलावल भुट्टो की पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) को 45 और इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ को 33 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. इसके अलावा 94 सीटों पर अन्य दलों को जीत मिली थी.
अगर सहयोगी दलों की सीटें मिला दें तो पीएमएल-एन के पास नेशनल असेंबली में कुल 189 सीटें थीं
पाकिस्तान के चुनावी रण में ये हैं सबसे बड़े खिलाड़ी
1. इमरान खान
- 65 साल के इमरान खान पूर्व क्रिकेटर हैं
- इमरान ने पाकिस्तान में भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन छेड़ा था
- नवाज शरीफ की कुर्सी जाने का सबसे ज्यादा फायदा इमरान को
- सेना का समर्थन हासिल, सेना के उम्मीदवार के तौर पर देखा जाता है.
- इस्लामी कट्टरपंथियों के करीबी, इस बार सबसे मजबूत दावेदार
2. शाहबाज शरीफ
- शाहबाज शरीफ, नवाज शरीफ के भाई हैं.
- नवाज शरीफ के अयोग्य करार दिए जाने के बाद पीएमएल-एन की कमान संभाली
- 10 साल से ज्यादा समय तक पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री रहे
- ऐसा माना जाता है कि पाकिस्तान सेना पूरी तरह से खिलाफ
3. बिलावल भुट्टो
- बिलावल भुट्टो पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष
- दादा जुल्फिकार अली भुट्टो और मां बेनजीर भुट्टो पाकिस्तान की पीएम रह चुकी हैं
- बिलावल के पिता आसिफ अली जरदारी पाकिस्तान के राष्ट्रपति रह चुके हैं.
4. हाफिज सईद
- मुंबई आतंकी हमले का मास्टरमाइंड हाफिज सईद भी मैदान में
- अल्लाह-ओ-अकबर-तहरीक पार्टी के बैनर तले अपने उम्मीदवार खड़े किए
- चुनाव प्रचार में हाफिज के पोस्टर का इस्तेमाल
- हाफिज सईद का बेटा और दामाद भी चुनाव मैदान में
- भारत विरोधी विचारधारा, आतंकवाद समर्थक
PML-N का आरोप- PTI को जिताना चाहती है सेना
नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल-एन ने पाकिस्तानी सेना पर चुनाव को प्रभावित करने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि आर्मी हर हालत में इमरान खान को ही जिताना चाहती है. पार्टी के नेता शाहबाज शरीफ का आरोप है कि लोगों और उम्मीदवारों को डराया धमकाया जा रहा है.
ऐसा माना जाता है कि नवाज शरीफ और सेना के बीच अर्थव्यवस्था और भारत के साथ रिश्तों के मुद्दे पर अकसर मतभेद रहे हैं. नवाज को भारत के साथ बातचीत का समर्थक माना जाता है. जबकि पाकिस्तानी सेना इसके खिलाफ है. इमरान खान पहले ही खुलकर पाकिस्तानी आर्मी की नीतियों के पक्ष में उतर चुके हैं. एक इंटरव्यू के दौरान इमरान ने कहा था, ' ये पाकिस्तानी आर्मी है, दुश्मन सेना नहीं. मैं सेना को अपने साथ लेकर चलूंगा.'
25 जुलाई को मतदान के बाद ही वोटो की गिनती शुरू हो जाएगी और 26 जुलाई की सुबह तक सभी नतीजे आने की उम्मीद है.
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