अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान (Taliban) के हमले बढ़ने से स्थिति बिगड़ती जा रही है. वहीं, पाकिस्तान और उसकी सेना विद्रोही समूहों और उनके सहयोगियों को सहायता और सुरक्षित ठिकाना देना जारी रख रहे हैं. न्यूज एजेंसी ANI की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तानी सेना की मदद से तालिबान ने नांगरहार प्रांत में हमले बढ़ा दिए हैं और अचिन और पाछेर वा अगम जैसे सीमावर्ती जिलों में कुछ सिक्योरिटी चेक पोस्ट्स पर कब्जा कर लिया है.
तालिबान और अल-कायदा जैसे सहयोगी संगठनों के काडर में मरने और घायल होने वालों की संख्या बढ़ी है. ANI की रिपोर्ट कहती है कि घायल आतंकियों को इलाज के लिए पाकिस्तान के क्वेटा शहर के जिलानी अस्पताल शिफ्ट किया गया है.
इसी तरह स्पिन बोल्डाक इलाके में अफगान सुरक्षा बालों के साथ लड़ाई में घायल हुए आतंकियों का इलाज पाकिस्तान के चमन जिले के DHQ अस्पताल में चल रहा है. 27 जुलाई को कुछ अफगान तालिबान लड़ाकों को पेशावर के हयाताबाद मेडिकल कॉम्प्लेक्स भी लाया गया था.
लश्कर भी अफगान ऑपरेशन में शामिल
ANI की रिपोर्ट के मुताबिक, हाल ही में पाकिस्तान के अकोवा खट्टाक इलाके में ISI, तालिबान, हक्कानी नेटवर्क के अलावा लश्कर-ए-तैयबा के प्रमुख जकी-उर-रहमान लखवी ने 22 अफगान प्रांतों में आतंकी ऑपरेशन की योजना बनाई थी.
वहीं, स्पिन बोल्डाक इलाके में सुरक्षा व्यवस्था खराब और अस्थिर है क्योंकि तालिबान और अफगान सुरक्षा बल दोनों ही जिले के नियंत्रण पर दावा कर रहे हैं. अफगान सुरक्षा बलों का दावा है कि उन्होंने स्पिन बोल्डाक में तालिबान के डिप्टी कमांडर और तालिबान रेड ब्रिगेड के कमांडर को मार गिराया है.
नेशनल डायरेक्टोरेट ऑफ सिक्योरिटी (NDS) स्पेशल फोर्सेज ने 26 जुलाई को नांगरहार प्रांत के सुर्ख रोड़ जिले में एक ऑपरेशन चलाया था जिसमें तालिबान के कुछ लड़ाकों की मौत हुई और करीब 6 घायल हुए.
अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी ने 22 जुलाई को नांगरहार प्रांत का दौरा किया था और एक सुरक्षा बैठक में जलालाबाद शहर के चारों ओर सुरक्षा बेल्ट बनाने का फैसला लिया गया.
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