पाकिस्तान (Pakistan) के तालिबान (Taliban) को मदद देने की खबरों के बीच अब प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने समूह के सदस्यों को 'सामान्य नागरिक' बताया है. खान ने कहा कि तालिबान कोई 'सैन्य संगठन नहीं बल्कि सामान्य नागरिक' हैं. इमरान खान ने कहा कि पाकिस्तान की सीमा पर करीब 30 लाख अफगान शरणार्थी हैं और ऐसे में तालिबान को पकड़ना कैसे मुमकिन है.
27 जुलाई को ब्रॉडकास्ट हुए PBS NewsHour के साथ इंटरव्यू में इमरान ने कहा कि पाकिस्तान में 30 लाख अफगान शरणार्थी हैं और उनमें से ज्यादातर पश्तून हैं. तालिबान लड़ाके भी पश्तून समूह से ताल्लुक रखते हैं.
"500,000 लोगों का कैंप है, 100,000 लोगों का कैंप लगा हुआ है. और तालिबान कोई सैन्य संगठन नहीं है, वो सामान्य नागरिक हैं. और अगर इन कैंपों में कुछ नागरिक हैं तो पाकिस्तान इन लोगों को कैसे पकड़ सकता है? आप इन्हें शरण स्थल या ठिकाना कैसे कह सकते हैं?"इमरान खान
9/11 हमलों का पाकिस्तान से लेना-देना नहीं: इमरान
जब इमरान खान से पाकिस्तान में तालिबान के सुरक्षित ठिकानों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने जवाब दिया, "ये सुरक्षित ठिकाने कहां हैं? पाकिस्तान में तालिबान के एथनिक समूह के ही 30 लाख शरणार्थी हैं."
पाकिस्तान पर काफी समय से तालिबान को सैन्य, आर्थिक और इंटेलिजेंस मदद देने का आरोप लगता रहा है. इन आरोपों को इमरान खान ने 'बहुत अनुचित' बताया.
खान ने कहा कि अफगानिस्तान में अमेरिका के युद्ध में हजारों पाकिस्तानियों ने जान गंवाई है, जबकि 'पाकिस्तानियों का 9/11 हमलों से कोई लेनादेना नहीं था.'
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