टेरर फाइनेंसिंग में पाकिस्तान को जल्द ही ग्रे लिस्ट में डाला जा सकता है. अमेरिका की ओर से लगातार चेतावनी देने के बाद पाकिस्तान ने आतंकियों को खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाया है. पाकिस्तान को इस सूची में डालने का कभी भी ऐलान मुमकिन है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप टेरर फाइनेंसिंग रोकने और आतंकवादियों को मिल रही शह को रोकने के लिए पाकिस्तान के उठाए गए कदमों से खुश नहीं है. पेरिस में चल रही एफएटीएफ की बैठक में अमेरिका पाकिस्तान को उन देशों की लिस्ट में शामिल करवाने की कोशिश में है, जिन पर आतंकवाद को इंटरनेशनल फंडिंग के लिए निगाह रखी जानी है.
ग्रे लिस्ट का असर
ग्रे लिस्ट में नाम आने पर बैंकों और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संगठनों की ओर से पाकिस्तान की निगरानी और बढ़ जाएगी. इससे वे सौदे मुश्किल हो जाएंगे, जिनमें पाकिस्तान शामिल होगा. पाकिस्तान के लिए अंतरराष्ट्रीय कारोबार ज्यादा मुश्किल हो जाएगा. पाकिस्तान 2013 से 2015 के बीच भी ग्रे लिस्ट में था.
इस बीच, अमेरिका ने पहली बार पाकिस्तान से सीधे कहा है कि आतंक के खिलाफ अभियान में उसकी कथित पहलकदमियों से वह खुश नहीं है. व्हाइट हाउस ने आतंक के खिलाफ पाकिस्तान के ढीले रवैये साफ तौर पर नाराजगी जताई है. इस सिलसिले में व्हाइट हाउस के डिप्टी प्रेस सेक्रेटी राज शाह का यह बयान ऐसे वक्त में सामने आया है जब पेरिस में फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की बैठक चल रही है. इस बैठक में अमेरिका पाकिस्तान को उन देशों की लिस्ट में शामिल करवाने की कोशिश में है, जिन पर आतंकवाद को इंटरनेशनल फंडिंग देने के लिए निगाह रखी जानी है. राज शाह ने कहा,
हमने पाकिस्तान के साथ अपने रिश्तों के बारे में कुछ बातें साफ तौर पर कह दी हैं. पहली बार हमने पाकिस्तान को उसकी गतिविधियों के लिए जिम्मेदार ठहराया है.
अमेरिका ने कहा,आतंक काबू करने में पाक की रफ्तार बेहद धीमी
शाह ने कहा कि आतंकवाद के लेकर हमारी चिंता को सही तौर पर स्वीकार करने की दिशा में पाकिस्तान की रफ्तार थोड़ी बढ़ी है लेकिन राष्ट्रपति ट्रंप इससे खुश नहीं हैं. शाह पिछले साल अगस्त में घोषित अमेरिका की दक्षिण एशियाई नीति की प्रगति के बारे में किए सवालों के जवाब दे रहे थे. ट्रंप ने अगस्त में अगस्त में साउथ एशिया पॉलिसी का ऐलान करते हुए पाकिस्तान को आतंक पर काबू करने के लिए और कोशिश करने को कहा था
शाह ने कहा कि अमेरिका अपने सहयोगियों के साथ अफगानिस्तान में कंधे से कंधा मिला कर काम कररहा है. आईएसआईएस के खिलाफ भी अमेरिका और साथी देशों को अच्छी सफलता मिली है. हमने आईएसआईएस के बड़े लड़ाकों को खत्म कर दिया है.
ये भी पढ़ें - पाक को फिर चेतावनी,अमेरिका ने कहा-आतंक के समर्थक हमारे दोस्त नहीं
क्विंट और बिटगिविंग ने मिलकर 8 महीने की रेप पीड़ित बच्ची के लिए एक क्राउडफंडिंग कैंपेन लॉन्च किया है. 28 जनवरी 2018 को बच्ची का रेप किया गया था. उसे हमने छुटकी नाम दिया है. जब घर में कोई नहीं था,तब 28 साल के चचेरे भाई ने ही छुटकी के साथ रेप किया. तीन सर्जरी के बाद छुटकी को एम्स से छुट्टी मिल गई है लेकिन उसे अभी और इलाज की जरूरत है ताकि वो पूरी तरह ठीक हो सके. छुटकी के माता-पिता की आमदनी काफी कम है, साथ ही उन्होंने काम पर जाना भी फिलहाल छोड़ रखा है ताकि उसकी देखभाल कर सकें. आप छुटकी के इलाज के खर्च और उसका आने वाला कल संवारने में मदद कर सकते हैं. आपकी छोटी मदद भी बड़ी समझिए. डोनेशन के लिए यहां क्लिक करें.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)