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UN में तुर्की ने किया था पाक का समर्थन, PM मोदी ने रद्द की यात्रा

यूएन और एफटीएफ में तुर्की ने चीन और मलेशिया के साथ खुलकर भारत का विरोध किया था

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प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी तुर्की यात्रा रद्द कर दी है. तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगान ने यूएन में कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का समर्थन किया था. हालांकि अभी तक विदेश मंत्रालय ने इस पर आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है.

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एसटीएफ में भी किया था भारत का विरोध

तुर्की ने फायनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स में भी खुलकर पाकिस्तान का समर्थन किया था. भारत ने आतंकी गतिविधियों के चलते वहां पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट किए जाने की मांग की थी. लेकिन मलेशिया, चीन और तुर्की ने पाकिस्तान का समर्थन किया था. एफटीएफ चार्टर के मुताबिक, इसके 36 सदस्यों देशों में से किसी को ब्लैकलिस्ट किए जाने से बचने के लिए सिर्फ तीन देशों की जरूरत होती है.

प्रधानमंत्री 27 और 28 अक्टूबर को सऊदी अरब की यात्रा पर जाएंगे. वहां से उन्हें एक बड़े निवेश सम्मेलन में हिस्सा लेने तुर्की जाना था. इस सम्मेलन में तुर्की के साथ व्यापार और रक्षा सहयोग पर भी बात होनी थी. तुर्की के साथ भारत के कभी बहुच ज्यादा गर्म रिश्ते नहीं रहे. लेकिन हाल के मामले से साफ हो जाता है कि दोनों देशों के संबंधों में खटास पैदा हो गई है.

अमेरिका ने भी लगाए हैं एर्दोगान के खिलाफ प्रतिबंध

सीरिया के उत्तरी हिस्सों में तुर्की के हमले करने के फैसले के बाद अमेरिका ने उसपर कड़े प्रतिबंध लगाए हैं. दरअसल तुर्की ने उत्तरी सीरिया के कुर्द लड़ाकों के खिलाफ अभियान छेड़ रखा है. एर्दोगान के मुताबिक इन लड़ाकों का संबंध उसके देश में आतंकी समूहों से है.

प्रेसिडेंट ट्रंप ने तुर्की के कदम को मानवीय संकट और युद्ध अपराध को प्रेरित करने वाला बताया था. तुर्की के इस कदम से अमेरिका की ISIS के खिलाफ लड़ाई पर भी प्रभाव पड़ेगा. कुर्दिश लड़ाकों ने ISI के खिलाफ भी जंग छेड़ रखी है. प्रेसिडेंट ट्रंप ने तुर्की के रक्षामंत्री, ऊर्जामंत्री और गृहमंत्री समेत स्टील इंडस्ट्री पर भारी प्रतिबंध लगाए हैं. उन्होंने तुर्की के साथ जारी आर्थिक बातचीत पर भी कदम खींचने की चेतावनी दी है.

पढ़ें ये भी: कश्मीर पर टिप्पणी से पहले जमीनी हकीकत समझे तुर्की, मलेशिया: भारत

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