विवादास्पद किताब 'द सैटेनिक वर्सेज' लिखने वाले भारतीय मूल के ब्रिटिश लेखक सलमान रुश्दी पर शुक्रवार, 12 अगस्त को पश्चिमी न्यूयॉर्क में हमला (Salman Rushdie Attacked) किया गया. हॉस्पिटल में भर्ती सलमान रुश्दी के एजेंट ने बताया है कि रुश्दी अभी वेंटिलेटर पर हैं और बोलने में असमर्थ हैं. साथ ही उनका लीवर डैमेज है और उनकी एक आंख की रोशनी जा सकती है. दूसरी तरफ पुलिस की गिरफ्त में मौजूद हमलावर की पहचान अधिकारियों ने न्यू जर्सी के हादी मटर (Hadi Matar) नामक 24 वर्षीय व्यक्ति के रूप में की है.
सलमान रुश्दी को अपने विवादित किताबों के लिए कई बार जान से मारने की धमकी मिल चुकी है. रुश्दी की किताब द सैटेनिक वर्सेज ईरान में 1988 से बैन है, क्योंकि कई मुसलमान इसे ईशनिंदा मानते हैं. ऐसे में इस किताब के छपने के 34 साल बाद रुश्दी पर हुए इस जानलेवा हमले (हालांकि अभी हमले के पीछे की मंशा साफ नहीं हुई है) की पुरजोर निंदा की गयी है.
ब्रिटेन के प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन ने एक ट्विटर पोस्ट में कहा कि वह "हैरान हैं कि सर सलमान रुश्दी को अपने ऐसे अधिकार का प्रयोग करने के लिए चाकू मार दिया गया है, जिसकी रक्षा करना हमें कभी भी रोकनी नहीं चाहिए. अभी मेरी संवेदनाएं उनके चाहने वालों के साथ हैं. हम सभी उम्मीद कर रहे हैं कि वह ठीक हों"
व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा कि सलमान रुश्दी पर हमला भयावह हैं. उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि "हम सभी उनके शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना कर रहे हैं. और हम अच्छे नागरिकों और सबसे पहले पहुंचे डॉक्टरों-पुलिसकर्मी के आभारी हैं कि उन्होंने इतनी तेजी से मदद की".
फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने ट्वीट करते हुए कहा कि "33 साल से सलमान रुश्दी ने आजादी और रूढ़िवाद के खिलाफ लड़ाई को मूर्त रूप दिया है. वह अभी-अभी नफरत और बर्बरता की ताकतों के कायरतापूर्ण हमले का शिकार हुए हैं. उनकी लड़ाई हमारी लड़ाई है; यह यूनिवर्सल है. अब पहले से भी कहीं ज्यादा हम उनके साथ खड़े हैं."
लेखिका तसलीमा नसरीन, जो अपनी किताब लज्जा पर बांग्लादेश में आक्रोश फैलाने के बाद लगभग तीन दशकों से निर्वासन में हैं, ने कहा कि जो कोई भी इस्लाम की आलोचना करता है, उस पर "हमला किया जा सकता है."
"मुझे अभी पता चला कि न्यूयॉर्क में सलमान रुश्दी पर हमला हुआ था. मैं सचमुच शॉक में हूं. मैंने कभी नहीं सोचा था कि ऐसा होगा. वह पश्चिम में रह रहे हैं, और 1989 से उनकी रक्षा की गई है. यदि उस पर हमला किया जाता है, तो इस्लाम की आलोचना करने वाले किसी भी व्यक्ति पर हमला किया जा सकता है. मैं चिंतित हूं."
इतिहासकार विलियम डेलरिम्पल ने ट्विटर पर कहा कि यह "साहित्य के लिए भयानक दिन" है. उन्होंने कहा कि "यह साहित्य के लिए, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए और हर जगह के लेखकों के लिए एक भयानक दिन है. बेचारे सलमान: मैं प्रार्थना करता हूं कि वह आहत न हो और जल्दी से ठीक हो जाए"
भारतीय लेखक और रूढ़िवाद के खिलाफ प्रबल आवाज जावेद अख्तर ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि "मैं कुछ कट्टरपंथियों द्वारा सलमान रुश्दी पर बर्बर हमले की निंदा करता हूं. मुझे उम्मीद है कि न्यूयॉर्क पुलिस और अदालत हमलावर के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करेगी."
वजाहत अली, जो अपनी पुस्तक गो बैक टू व्हेयर यू केम फ्रॉम के लिए जाने जाते हैं, ने कहा कि यह हमला "हिंसा के माध्यम से दुनिया पर नियंत्रण करने की इच्छा रखने वाले जाहिलों" का एक उदाहरण है.
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