तालिबान (Taliban) ने अपने डिप्टी प्रधानमंत्री मुल्ला अब्दुल गनी बरादर (Mullah Abdul Ghani Baradar) की मौत से इनकार किया है. तालिबान के प्रवक्ता सुलैल शाहीन ने कहा कि तालिबान के राजनीतिक ऑफिस के पूर्व प्रमुख मुल्ला अब्दुल गनी बरादर, जिन्हें पिछले हफ्ते डिप्टी प्रधानमंत्री बनाया गया था, ने एक वॉइस मैसेज जारी कर बरादर के हमले में मारे जाने या घायल होने के दावे को खारिज किया.
शाहीन ने ट्विटर पर मैसेज में कहा, "वो कहते हैं कि ये झूठ है और पूरी तरह से निराधार है."
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, तालिबान ने वीडियो फुटेज भी जारी किया जिसमें बरादर को दक्षिणी शहर कंधार में बैठकों में कथित तौर पर दिखाया गया था.
ये खंडन उन अफवाहों के बाद आया है, जिसमें कहा जा रहा था कि बरादर के समर्थक हक्कानी नेटवर्क के प्रमुख सिराजुद्दीन हक्कानी के समर्थकों के साथ भिड़ गए थे, जो पाकिस्तान के साथ सीमा के पास स्थित है और युद्ध के कुछ सबसे खराब आत्मघाती हमलों के लिए दोषी ठहराया गया था.
कभी तालिबान सरकार के प्रमुख के रूप में देखे जाने वाले बरादर को कुछ समय से सार्वजनिक रूप से नहीं देखा गया है और 12 सितंबर को काबुल में कतर के विदेश मंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल-थानी से मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल का वो हिस्सा नहीं था.
तालिबान के काबुल पर कब्जे के बाद से आंदोलन के सुप्रीम लीडर, मुल्ला हैबतुल्लाह अखुंदजादा को भी सार्वजनिक रूप से नहीं देखा गया है. हालांकि, उन्होंने पिछले हफ्ते नयी सरकार के गठन के बाद एक बयान जारी किया था.
15 अगस्त को काबुल पर कब्जा करने के साथ ही तालिबान ने पंजशीर को छोड़कर पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा हासिल कर लिया था. 7 सितंबर को तालिबान ने अपनी सरकार का ऐलान किया और बताया कि मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद अफगानिस्तान में तालिबान सरकार के प्रधानमंत्री होंगे और तालिबान के सह-संस्थापक अब्दुल गनी बरादर डिप्टी पीएम होंगे.
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