अफगानिस्तान (Afghanistan) के असदाबाद स्वतंत्रता दिवस की रैली में अफगान राष्ट्रीय ध्वज लहराने वाली भीड़ पर तालिबान लड़ाकों ने गोलीबारी की, जिसमें कई लोगों के मारे जाने की खबर है.
गार्डियन के अनुसार इस बीच, वहां पर मौजूद एक व्यक्ति के हवाले से यह भी कहा गया है कि यह स्पष्ट नहीं है कि घायलों और मरने वाले लोगों की ये हालत सीधे तालिबान की गोलीबारी से हुई या फिर भगदड़ की वजह से गोलीबारी हुई.
रॉयटर्स के मुताबिक रैली तालिबान के विरोध में फैल गई, जिसमें सैकड़ों पुरुषों और महिलाओं ने काबुल में काले, लाल और हरे रंग के राष्ट्रीय झंडे लहराए और साथ ही नारे भी लगाए कि "हमारा झंडा, हमारी पहचान."
गार्डियन के अनुसार, तालिबान लड़ाकों ने कुछ प्रदर्शनकारियों को घेर लिया और उन्हें तितर-बितर करने के लिए नारेबाजी की और हवा में गोलियां चलाईं. असदाबाद का प्रदर्शन रविवार को काबुल पर कब्जा करने के बाद से तालिबान के विरोध के पहले संकेतों में से एक था.
इससे पहले, बुधवार 18 अगस्त को तालिबानियों ने जलालाबाद में विरोध प्रदर्शन कर रही भीड़ पर गोलीबारी की थी, जिसमें कम से कम तीन लोगों की मौत हुई थी.
तालिबान के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन को लेकर अफगानिस्तान के उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने ट्वीट किया,
"उन लोगों को सलाम जो राष्ट्रीय ध्वज लेकर चलते हैं और इस तरह राष्ट्र के वजूद के लिए खड़े होते हैं."
काबुल हवाई अड्डे के हालात
इसी समय, काबुल हवाईअड्डे पर हालात बुरे दिखाई पड़ रहे हैं. जिसमें अफगानों के झुंड तालिबान शासन से बचने का प्रयास कर रहे हैं.
ऐसे वीडियो भी सामने आए हैं जिनमें बच्चों को भीड़ के सामने ले जाया जा रहा है और कम से कम अपने बच्चों को अफगानिस्तान से बाहर निकालने की मांग करने वाले माता-पिता अमेरिकी सैनिकों को उन्हें देने के लिए तैयार हैं.
तालिबान के कब्जे में अफगानिस्तान
तालिबान ने रविवार को अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया, अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़कर भाग गए हैं. रविवार शाम को अंतरराष्ट्रीय मीडिया संगठनों द्वारा राष्ट्रपति भवन के अंदर तालिबान कमांडरों और सशस्त्र लड़ाकों के घूमने के वीडियो फुटेज प्रसारित किए गए.
इसी बीच नागरिकों ने ग्रुप में तालिबान शासन से बचने का प्रयास किया. जैसा कि काबुल के भीड़-भाड़ वाले हवाई अड्डे से आने वाले भीड़ के दृश्यों से फैले डर और स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है.
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