यूक्रेन (Ukraine) के खिलाफ रूस के साइबर अभियानों पर नजर रखने वाली अमेरिकी खुफिया एजेंसियों का कहना है कि रूस, यूक्रेन पर हमला करने की कोशिश में लगा हुआ है. शुक्रवार को यूक्रेन की मिलिट्री इंटेलिजेंस ने कहा कि रूसी स्पेशल सर्विसेज यूक्रने पर आरोप लगाने के लिए ट्रांसनिस्ट्रिया के मोल्दोवा क्षेत्र में स्थित रूसी सैनिकों को उकसाने की तैयारी कर रहा है.
अमेरिकी अधिकारियों के द्वारा भी इसी तरह की बातें कही गई हैं. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक शुक्रवार को अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि रूसी प्रभाव वाले एक्टर्स पहले से ही मामले को राज्य और सोशल मीडिया में रूसी हस्तक्षेप को सही ठहराने और यूक्रेन में विभाजन जैसी स्थिति बनाने के लिए शुरू कर रहे हैं.
द एसोसिएटेड प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक एक अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि मॉस्को ने पहले ही अर्बन वॉरफेयर में ट्रेन्ड लोगों को भेज दिया है जो पूर्वी यूक्रेन में रूस की अपनी प्रॉक्सी पॉवर्स के खिलाफ तोड़फोड़ जैसे कार्यों को अंजाम देने के लिए विस्फोटकों का उपयोग कर सकते हैं.
रूस की TASS समाचार एजेंसी के मुताबिक शुक्रवार, 14 जनवरी को क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि मॉस्को ने उन बयानों को निराधार बताते हुए खारिज कर दिया है.
सेना की तैनाती
रूस ने यूक्रेन की सीमा पर करीब 1 लाख सैनिकों को इकट्ठा किया है और इस गतिरोध को हल करने के लिए कूटनीतिक बातचीत का कोई नतीजा निकलता नहीं दिख रहा है.
रूस मांग कर रहा है कि अमेरिका और नाटो (NATO) के द्वारा लिखित गारंटी दी जाए कि एलायंस में विस्तार नहीं किया जाएगा. वाशिंगटन ने इस मांग पर कहा कि वह आने वाले वक्त में यूक्रेन में आक्रामक मिसाइलों की तैनाती और पूर्वी यूरोप में अमेरिका और नाटो मिलिट्री एक्सरसाइज पर लिमिट लगाने के बारे में मास्को के साथ बातचीत करने को तैयार है.
यूक्रेन के एक अधिकारी ने शुक्रवार को चेतावनी दी कि मौजूदा गतिरोध यूक्रेन के जीवन और मृत्यु के बारे में सवाल उठाता है. राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की की ऑफिस के प्रमुख एंड्री यरमक ने कहा कि यूक्रेन के अधिकांश लोग देश की रक्षा करेंगे.
यमरक के मुताबिक जेलेंस्की ने बढ़ती सेक्योरिटी चिंताओं पर चर्चा करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति ओ बाइडेन और रूस के राष्ट्रपति पुतिन के साथ एक मीटिंग का प्रस्ताव रखा है.
शुक्रवार, 14 जनवरी को रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि मॉस्को अपनी सेक्योरिटी डिमांड्स के जवाब के लिए अमेरिका और नाटो का हमेशा इतजार करने के लिए तैयार नहीं है और वो रूस के प्रस्ताव पर लिखित फीडबैक चाहते हैं.
क्वीन्स यूनिवर्सिटी बेलफास्ट के एक लेक्चरर अलेक्जेंडर टिटोव ने कहा कि यूक्रेन सहित यूरोप में चल रहे तनाव से रूस को नाटो और अमेरिका के साथ अपनी चिंताओं को आगे बढ़ाने में मदद मिलती है.
इनफॉर्मेशन वॉर: यूक्रेन की वेबसाइट्स पर साइबर अटैक
जैसे ही मामले पर बातचीत तेज हुई, यूक्रेन की सरकारी वेबसाइटों पर शुक्रवार को बड़े पैमाने पर साइबर हमले हुए.
देश के कैबिनेट, सात मंत्रालयों, कोषागार, नेशनल इमरजेंसी सर्विस और स्टेट सर्विसेज की वेबसाइटें, जहां यूक्रेनियन के इलेक्ट्रॉनिक पासपोर्ट और वैक्सीनेशन सर्टीफिकेट स्टोर किए गए हैं, ये सभी डेटा अस्थाई रूप से मौजूद नहीं थे.
वेबसाइटों में यूक्रेनी, रूसी और पोलिश भाषा में एक मैसेज था, जिसमें कहा गया था कि यूक्रेनियन के पर्सनल डेटा को पब्लिक डोमेन में लीक कर दिया गया है.
यूक्रेन की सरकार ने इसका खंडन करते हुए कहा कि कोई व्यक्तिगत डेटा लीक नहीं हुआ है.
यूक्रेन की राजधानी की सेक्योरिटी सर्विसेज ने शुक्रवार देर रात कहा कि साइबर अटैक में रूस के शामिल होने के संकेत मिले हैं.
व्हाइट हाउस के स्पोकपर्सन जेन साकी ने कहा कि मॉस्को की मौजूदा गतिविधियां वैसी ही हैं जैसा कि क्रेमलिन ने 2014 में रूस के क्रीमिया पर कब्जा करने के दौरान किया था.
तोड़फोड़ गतिविधियों और इन्फॉर्मेशन ऑपरेशन के बाद, साकी ने शुक्रवार को कहा कि यूक्रेन पर एक पूर्ण सैन्य आक्रमण जनवरी के मध्य और फरवरी के मध्य के बीच शुरू हो सकता है.
बता दें कि मॉस्को पर पिछले काफी समय से मिलिट्री ऑपरेशन्स और साइबर हमलों के साथ विरोधियों के खिलाफ एक रणनीति के रूप में दुष्प्रचार करने का आरोप लगाया जाता रहा है.
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