संयुक्त राष्ट्र में भारतीय मूल की अमेरिकी राजदूत निक्की हेली का भारत का तीन दिवसीय दौरा मंगलवार से शुरू हो रहा है. इस दौरान वह दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत बनाने पर जोर देंगी.
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी मिशन के मुताबिक, हेली भारत के वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों से मुलाकात करेंगी. वह अमेरिका, भारत संबंधों को मजबूत बनाने के लिए कारोबारियों के समूह, सरकारी अधिकारियों, छात्रों और नागरिक समाजों के प्रतिनिधियों से मुलाकात करेंगी.
ट्रंप प्रशासन अपनी इंडो पैसिफिक रणनीति के तहत भारत के साथ अपने संबंधों को बढ़ाने का इच्छुक है और साथ में अपने सहायता कार्यक्रमों के जरिए अफगानिस्तान को स्थिर बनाने में मदद करना चाहता है.
अमेरिकी प्रशासन में भारतीय मूल की पहली महिला हैं हेली
हेली अमेरिकी प्रशासन में कैबिनेट स्तर के संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत पद पर नियुक्त होने वाली पहली भारतीय मूल की अमेरिकी हैं. 38 साल की उम्र में हेली साल 2011 में साउथ कैरोलिना की गवर्नर चुनी गई थीं.
हेली को शक्तिशाली रिपब्लिकन गवर्नर्स एसोसिएशन का उपाध्यक्ष भी चुना जा चुका है. इससे पहले उनको विदेश मंत्री बनाए जाने की चर्चा थी. हेली भारतीय मूल की अमेरिकी गवर्नर रह चुकीं हैं और वह साउथ कैलिफोर्निया की पहली महिला गवर्नर भी हैं.
पहले ट्रंप के विरोध में थीं निक्की
निक्की हेली ने रिपब्लिकन की उम्मीदवारी के लिए प्राइमरी चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप के विरोध में थीं उन्होंने रिपब्लिकन प्राइमरी में सीनेटर मार्को रूबियो का समर्थन किया था, लेकिन बाद में वह ट्रंप के समर्थन में आ गई थीं और उनको वोट देने की घोषणा की थी.
हेली गवर्नर के रूप में फिलहाल अपना दूसरा कार्यकाल संभाल रहीं हैं. पिछले सप्ताह हेली को शक्तिशाली रिपब्लिकन गवर्नर्स एसोसिएशन का उपाध्यक्ष चुना गया था.
अमृतसर की हैं निक्की
निक्की हेली का पूरा नाम नम्रता निक्की रंधावा है. निक्की मूलतः पंजाब के अमृतसर से हैं. उनके पिता अजीत सिंह रंधावा और माता राज कौर रंधावा अमृतसर से जाकर अमेरिका में बस गए थे.
भारतीय सिख परिवार में जन्मीं निक्की ने बाद में ईसाई धर्म अपना लिया था. बाद में उन्होंने आर्मी नेशनल गार्ड के कैप्टन माइकल हेली से शादी की और उनके दो बच्चे भी हैं.
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