अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन (Antony Blinken) ने दिल्ली में दलाई लामा (Dalai Lama) के प्रतिनिधि से मुलाकात की. चीन (China) को ये मुलाकात रास नहीं आई है. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता चाओ लीच्येन ने 29 जुलाई को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि 'चीन किसी भी देश के अधिकारियों और दलाई लामा के बीच किसी भी तरह के संपर्क का कड़ा विरोध करता है.'
लीच्येन ने कहा, "चीन अपने अधिकारों व हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा." चाओ लीच्येन ने कहा कि तिब्बत का मामला विशुद्ध रूप से चीन का आंतरिक मामला है, और किसी भी बाहरी ताकत को हस्तक्षेप करने की अनुमति कतई नहीं है.
"14वें दलाई लामा विशुद्ध रूप से धार्मिक व्यक्ति नहीं हैं, बल्कि एक राजनीतिक निर्वासित व्यक्ति हैं जो लंबे समय से चीन विरोधी अलगाववादी गतिविधियों में लगे हुए हैं और तिब्बत को चीन से अलग करने की साजिश करते रहे हैं."चाओ लीच्येन
'अमेरिका की तिब्बत नीति के खिलाफ मुलाकात'
चीनी प्रवक्ता ने जोर देते हुए कहा कि दलाई गुट के साथ मुलाकात अमेरिका की उस प्रतिबद्धता का उल्लंघन है, जिसमें तिब्बत को चीन के हिस्से के रूप में मान्यता देने, तिब्बत स्वतंत्रता का समर्थन न करने और चीन को विभाजित करने वाली गतिविधियों का समर्थन न करने का वादा किया गया है.
"अमेरिका को वादे का पालन कर तिब्बत मामले, तिब्बत से संबंधित मामले का उपयोग कर चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप बंद करना चाहिए. साथ ही चीन के विरोध में तिब्बती स्वतंत्रता वाली शक्तियों को किसी भी तरह का समर्थन देना बंद करना चाहिए."चाओ लीच्येन
ब्लिंकेन की मुलाकात चीन को संकेत?
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने 28 जुलाई को दलाई लामा के प्रतिनिधि और तिब्बत की निर्वासित सरकार के अधिकारी गोडुप डोनचुंग से मुलाकात की थी. ये जो बाइडेन प्रशासन का चीन को साफ संकेत है कि अमेरिका तिब्बत को समर्थन देना जारी रखेगा.
डोनचुंग ने ब्लिंकेन को तिब्बती आंदोलन को अमेरिकी समर्थन के लिए धन्यवाद दिया. अमेरिकी विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने PTI से मुलाकात की पुष्टि की है.
एक और तिब्बती प्रतिनिधि गेशे दोरजी दंडुल ने सात सिविल सोसाइटी सदस्यों के साथ एंटनी ब्लिंकेन से मुलाकात की.
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