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रूस में जनमत संग्रह, 2036 तक राष्ट्रपति पद पर रह सकते हैं पुतिन

रूस ने नए ‘संवैधानिक सुधारों’ का मजबूती से समर्थन किया है

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रूस ने नए 'संवैधानिक सुधारों' का मजबूती से समर्थन किया है, जिससे राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 2036 तक सत्ता में रह सकते हैं. जनमत संग्रह में करीब 78 फीसदी वोटरों ने संविधान में बदलाव को मंजूरी दी है.

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पुतिन का मौजूदा कार्यकाल 2024 में खत्म हो रहा है. ‘संवैधानिक सुधार’ पुतिन को इसके बाद 6-6 साल के दो और कार्यकाल तक राष्ट्रपति बने रहने की अनुमति देंगे. विपक्ष के नेताओं का आरोप है कि पुतिन जिंदगीभर राष्ट्रपति बने रहना चाहते हैं. हालांकि पुतिन ने इस दावे को मानने से इनकार किया है. 

रूसी राष्ट्रपति और उनके समर्थकों का कहना है कि सुधार - कुल मिलाकर, 200 से ज्यादा बदलाव - राष्ट्रीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए जरूरी हैं.

बीबीसी के मुताबिक, 67 वर्षीय पुतिन ने यह नहीं कहा है कि वह राष्ट्रपति पद के लिए फिर से मैदान में होंगे, लेकिन यह कहा है कि यह महत्वपूर्ण है कि उनके पास ऐसा करने का विकल्प है. वह रूस में करीब 20 साल से राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री के रूप में सत्ता में हैं.

बाकी 'रूढ़िवादी सुधारों' में समान-लिंग विवाह पर प्रतिबंध शामिल है और रूस के पैतृक "ईश्वर में विश्वास" के संदर्भ को प्रस्तुत करना है.

रूस की संसद के दोनों सदनों ने पहले ही बदलावों को मंजूरी दे दी है, लेकिन राष्ट्रपति पुतिन ने 'सुधारों' को वैध बनाने के लिए पब्लिक वोट का आदेश दिया था.

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