कुर्द मेसोपोटेमियन मैदानों यानी आज के दक्षिण-पूर्वी तुर्की,उत्तर-पूर्वी सीरिया,उत्तरी इराक,उत्तर-पश्चिमी ईरान और दक्षिण-पश्चिमी आर्मेनिया की मूल जनजातियों के लोगों में से एक हैं. कुर्दों में काफी भिन्नता हैं. ये अलग-अलग धर्मों और पंथों को मानते हैं लेकिन नस्ल, संस्कृति और भाषा एक है. ये मूल रूप से सुन्नी मुसलमान हैं और इनकी आबादी लगभग साढ़े चार करोड़ के आसपास हैं.
सीरिया से इस्लामिक स्टेट के खात्मे में कुर्दों की भूमिका
2013 के बीच में, इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने उत्तरी सीरिया में अपने पैर जमाने शुरू किए. ये इलाका कुर्दों का था, जहां पीपुल्स प्रोटेक्शन यूनिट (YPG) मजबूती के साथ जमा थी. मगर 2014 के मध्य में इस्लामिक स्टेट ने सीरियाई कुर्द डेमोक्रेटिक यूनियन पार्टी (PYD) की सशस्त्र यूनिट YPG को काफी नुकसान पहुंचाया.
कोबाने की जंग में हुई कुर्दों की जीत
कोबाने तुर्की से सटा एक छोटा शहर है, जहां कुर्द ने इस्लामिक स्टेट को हराकर अपने क्षेत्र पर दोबारा कब्जा कर लिया था. इसके अलावा कुछ और भी वजह से कोबाने की जंग अहम है. ये पहला वाकया था जब अमेरिका और इस्लामिक स्टेट दोनों अपने प्रोपेगंडा को बढ़ाने और और शक्ति प्रदर्शन में आमने-सामने थे.इस जंग में कुर्द की जीत को शुरुआत माना जा सकता है.
कुर्दिस्तान की मांग
20 वीं शताब्दी की शुरुआत में, कई कुर्दों ने अपनी मातृभूमि के निर्माण पर विचार करना शुरू किया - जिसे आमतौर पर "कुर्दिस्तान" कहा जाता है. पहले विश्व युद्ध के बाद और तुर्की साम्राज्य की हार के बाद, जीते हुए देशों ने 1920 की ''ट्रीटी ऑफ सेव्रेंस'' में कुर्द राज्य के लिए प्रावधान दिया. मगर 3 वर्ष बाद ये उम्मीद धराशायी हो गईं, जब नए तुर्की का गठन हुआ.
अमेरिका और तुर्की के लिए कुर्द क्या हैं?
सीरिया में हो रही जंग में अमेरिका के सबसे भरोसेमंद साथी हैं कुर्द और तुर्की.तुर्की सारे कुर्दों को एक मानता है ओर उन्हें आतंकवाद से जोड़ता है. जबकि अमेरिका तुर्की और सीरिया में रहने वाले कुर्दों में अंतर करता है.वो सीरिया में रहे कुर्दों को आतंकवादी नहीं मानता.
अमेरिका के सीरिया से हटने के बाद तुर्की का रवैया
अमेरिका के अचानक सीरिया की जंग से हटने को कुर्द जहां धोखा मानते है वहीं तुर्की इसे एक अवसर की तरह देख रहा है. तुर्की कुर्द नेतृत्व वाले गठबंधन यानी पीपुल्स प्रोटेक्शन यूनिट्स (YPG) को आतंकवादी समूह मानता है. उसका कहना है कि तुर्की में लड़ने वाले कुर्द विद्रोही गुट का विस्तार हैं.
तुर्की सीरिया से सटा 32 किमी का "सेफ जोन " चाहते हैं. फिलहाल यह इलाका कुर्दों के पास है. तुर्की का कहना है कि वो यहां 20 लाख सीरियाई शरणार्थियों के लिए एक शिविर बनाएगा. अब देखना यह है कि क्या अमेरिका इराक में अपनी गलती एक बार फिर दोहराएगा . क्या तुर्की के लिए कुर्दों को काबू करना आसान होगा. कुर्दों की अगुआई वाले गठबंधन का कहना है कि वे अपने क्षेत्र की रक्षा किसी भी कीमत पर करेंगे.
(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)