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जन्माष्टमी पर विशेष: आप जानते हैं कृष्ण की पत्नियों के बारे में?

जन्माष्टमी पर खास जानकारी: आपने सुना होगा कि कृष्ण की 16 हजार रानियां थीं. जानिए क्या है इसके पीछे की कहानी

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श्रीकृष्ण के विवाह के बारे में हमें बहुत-सी कहानियां सुनने को मिलती हैं. सदियों पहले महाभारत, विष्णु पुराण और भागवत पुराण जैसे ग्रंथों में इसका जिक्र मिलता है.

लेकिन क्या आप कृष्‍ण के विवाह के बारे में जानते हैं? यहां हम संक्षेप में इसकी जानकारी दे रहे हैं.

कृष्ण की आठ रानियां थीं और 16,100 पटरानियां थीं. आठ रानियों में रुक्मिणी, सत्यभामा, जाम्बवती, कालिंदी, भद्रा, मित्राविंदा, सत्या और लक्ष्मणा थीं.

भागकर की थी पहली शादी

रुक्मिणी ने कृष्ण के साथ भागकर शादी की थी. सत्यभामा की शादी उनके पिता सत्राजीत ने कृष्ण से खुश होकर कराई थी. जाम्बवती के पिता ने भी कृष्ण की शक्‍त‍ि से खुश होकर उनकी शादी अपनी बेटी से कराई थी. 16,100 पटरानियों को कृष्ण ने नरकासुर को युद्ध में हराकर मुक्‍त कराया था.

जब नारद द्वारका आए...

जब नारद द्वारका में कृष्ण से मिलने गए, तो उन्होंने देखा कि 16,108 महलों में एक अकेले कृष्ण अपनी सभी रानियों और पटरानियों का बराबर ध्यान रख रहे हैं. अब तर्क कहते हैं कि यह सिर्फ एक रूपक है, लेकिन ऐसे में सभी पुराण ही रूपक हैं. प्रतीकों का यह सूमह जटिल मनोवैज्ञानिक विचारों की तरफ इशारा करता है.

ब्रह्मवैवर्त पुराण में है राधा का जिक्र

अब बात राधा की, जिसका जिक्र शुरुआत में किसी पुराण में नहीं था, लेकिन लोक कथाओं में था. हालांकि बाद में इसे ब्रह्मवैवर्त पुराण में शामिल किया गया, जहां राधा को कृष्ण की सबसे प्रिय सखा के तौर पर पेश किया गया.

हालांकि उन दोनों के विवाह का कहीं जिक्र नहीं मिलता है. राधा बाद में अपने पति के साथ वृंदावन में रहने लगीं, जबकि कृष्ण पहले मथुरा और बाद में द्वारका चले गए. लोग अक्सर राधा और कृष्ण के बारे में सवाल पूछने में असहज महसूस करते हैं.

(22 मार्च, 2015 को मिड डे में छपे देवदत्त पटनायक के लेख पर आधारित)

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