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बदल रहा है नौकरशाहों का मिजाज, अब ये खुलकर बोल रहे हैं!

ऐसे ईमानदार अफसरों की तादाद बढ़ती जा रही है, जो सोशल मीडिया के जरिए सार्वजनिक तौर पर अपनी भड़ास निकाल रहे हैं.

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देश में नौकरशाही का मिजाज बदलता नजर आ रहा है. आईएएस-आईपीएस अफसरों की छवि अपने हुक्‍मरानों के इशारों पर चुपचाप काम करते जाने वालों के रूप में रही है. लेकिन हाल के वक्‍त में यह तस्‍वीर काफी बदली है.

जो नौकरशाह ईमानदारी हैं, वे खुलकर आवाज उठाने लगे हैं. ऐसे अफसरों की तादाद बढ़ती जा रही है, जो सोशल मीडिया के जरिए सार्वजनिक तौर पर अपनी भड़ास निकाल रहे हैं.

ईमानदार अफसर को बचाने सामने आए

पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्‍ता के मामले में कई नौकरशाहों ने अपनी बात रखी है. दरअसल, दिल्ली की एक विशेष अदालत ने कोयला घोटाले मामले में एचसी गुप्ता के खिलाफ हाल ही में आरोप तय किए हैं. गुप्ता इस केस में आरोपी हैं और जमानत पर हैं. उन्होंने अदालत से कहा कि वे जेल में रहकर ही मुकदमे का सामना करना चाहते हैं, क्‍योंकि पैसे की कमी के कारण अब केस लड़ने की उनकी ताकत नहीं बची है.

जब कोर्ट से की गई एचसी गुप्‍ता की गुजारिश सुर्खियों में आई, तो आईएएस एसोसिएशन से जुड़े कुछ अफसरों ने बेबाकी से अपनी राय रखी.

एसोसिएशन का मानना है कि इस ईमानदार अफसर को व्‍यवस्‍था का शिकार होना पड़ा है. साथ ही अगर उन्‍हें बचाया नहीं गया, तो इससे बाकी ईमानदार अफसरों का मनोबल टूटेगा और वे कोई भी नीतिगत निर्णय करने से डरेंगे. इससे पूरी व्‍यवस्‍था ही चरमरा जाएगी.

सेंट्रल आईएएस ऑफिसर्स एसोसिएशन के सचिव संजय भूसरेड्डी का मानना है कि एचसी गुप्‍ता के खिलाफ आरोप तय होने से नौकरशाहों का मनोबल टूटेगा. वजह यह है कि गुप्‍ता की छवि ईमानदार अफसर की रही है. वे नवंबर, 2008 में ही रिटायर हो चुके हैं.

क्‍विंट हिंदी ने फेसबुक LIVE पर संजय भूसरेड्डी से कई अहम सवाल पूछे. पूरी बातचीत आप यहां देख सकते हैं:

नौकरशाह अपनी परेशानी के बारे में अब खुलकर बोल रहे हैं

फैसले नहीं होंगे, तो सरकारी गाड़ी धीमी चलेगी या फिर रुक भी सकती है. कोयला घोटाले में कुछ रिटायर्ड ब्यूरोक्रेट्स के साथ जो हो रहा है, उसके बाद फिर से वही बातें होने लगी हैं. बात करने वाले कोई और नहीं, बल्कि कुछ सर्विंग और कुछ रिटायर्ड सीनियर आईएएस अधिकारी ही हैं. उन्‍हें इतनी चिंता सता रही है कि अब वो खुलकर बोलने लगे हैं.

नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत का भी मानना है कि उन्‍हें ऐसा नहीं लगता कि पूर्व कोयला सचिव के मामले में भ्रष्‍टाचार या आपराधिक षड्यंत्र का कोई मामला बनता है. उन्‍होंने भी गुप्‍ता को ईमानदारी अफसर करार दिया.

पूर्व मुख्य चुुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी ने भी इस मामले में खुलकर टिप्पणी की है.

आईएएस अनिल स्वरूप भी खुलकर एचसी गुप्ता का समर्थन करते दिख रहे हैं.

बहरहाल, यहां मामला सीधे-सीधे अदालत से जुड़ा है, इसलिए ये अफसर टीका-टिप्‍पणी करने के अलावा ज्‍यादा कुछ करने की हालत में नहीं हैं. हां, इतना जरूर है कि इन अफसरों का ‘खुलकर बोलना’ ही बड़ी बात है.

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