हर साल जून से सितम्बर तक हजारों बाइकर्स लेह और खरदुंग ला की एक तरह से तीर्थयात्रा करने की कोशिश करते हैं. कुल 18,380 फीट की ऊंचाई पर मौजूद यह दुनिया का सबसे ऊंचा गाड़ी चलाने योग्य रास्ता है.
इन दिनों कुछ हिम्मती लोग अपनी साइकिलों से भी इतने ऊंचे स्थानों तक जा रहे हैं.
इसके एक ट्रेंड बन जाने से पहले लद्दाख जाना आम बात नहीं हुआ करती थी.
उस समय कोई बुनियादी ढांचा मौजूद नहीं था. वे सब शहर और कस्बे जहां अब व्यापारिक गतिविधियां दिखाई देती हैं, वे उनके आज के स्वरूप की छाया मात्र हैं.
नक्शे में राष्ट्रीय राजमार्ग लिखा होने के बावजूद कई जगह सड़कों का नामो-निशान तक नहीं था. और आतंकवाद अपने चरम पर था.
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