रूस में कुछ ऐसा हुआ है जिसकी वजह से रूस की सरकार ने ही इस्तीफा दे दिया है. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने संवैधानिक परिवर्तनों यानी कोंस्टीटूशनल रिफॉर्म्स पर एक रेफेरेंडम यानी राष्ट्रीय वोट का प्रस्ताव रखा जिसके अनुसार राज सत्ता राष्ट्रपति पद से ज्यादा प्रधान मंत्री, संसद और स्टेट काउंसिल पर होगी. आपको बता दें कि राष्ट्रपति के रूप में पुतिन का चौथा कार्यकाल 2024 में ख़त्म होगा, और मौजूदा संविधान के नियमों के मुताबिक वो अगली बार राष्ट्रपति नहीं हो सकते. लेकिन पुतिन संविधान में बदलाव लागू करने में कामयाब हो जाते हैं तो इसके बाद भी सत्ता पर काबिज रह सकते हैं.
बीबीसी के रिपोर्ट के अनुसार मेदवेदेव ने इस्तीफा देने के बाद ये कहा कि 'ये बदलाव जब लागू हो जाएंगे तो न सिर्फ़ संविधान के सभी अनुच्छेद बदल जाएंगे बल्कि सत्ता संतुलन और ताक़त में भी बदलाव आएगा. एक्जीक्यूटिव की ताक़त, विधानमंडल की ताक़त, न्यायपालिका की ताक़त, सब में बदलाव होगा. इसलिए मौजूदा सरकार ने इस्तीफ़ा दिया है.''
जिस बड़े बदलाव की ओर पुतिन ने इशारा किया वह है स्टेट काउंसिल को संविधान के तहत सरकारी एजेंसी के तौर पर मान्यता देना. रूस में इस रेफेरेंडम के पास होने से पुतिन को और किस तरह पावर मिल सकती हैं इसी पर सुनिए आज का बिग स्टोरी पॉडकास्ट.
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