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कोरोना ने अमीरों-गरीबों के बीच की खाई को बढ़ाया, Oxfam की रिपोर्ट

सोचने पर मजबूर करने वाले आंकड़े ऑक्सफेम की इनइक्वालिटी रिपोर्ट में निकलकर आए हैं.

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दुनिया के हर खतरनाक वायरस की वैक्सीन तैयार हो सकती है और उसका इलाज हो सकता है, लेकिन एक ऐसा वायरस है जो लगातार बढ़ता जा रहा है और इसका कोई भी इलाज नहीं है, हम यहां असमानता के वायरस की बात कर रहे हैं. हर साल अमीर और भी ज्यादा अमीर होते जा रहे हैं और गरीब और गरीबी के अंधेरे की तरफ बढ़ रहे हैं. क्या आपको पता है कि मुकेश अंबानी जितना एक सेकंड में कमाते हैं, एक अनस्किल्ड वर्कर को कमाने में 3 साल लगेंगे. ऐसे ही कई दिलचस्प लेकिन सोचने पर मजबूर करने वाले आंकड़े ऑक्सफेम की इनइक्वालिटी रिपोर्ट में निकलकर आए हैं.

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ऑक्सफेम ने 25 जनवरी को अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि कोरोना वायरस महामारी ने भारत के बिलिनेयर्स और अनस्किल्ड वर्कर्स के बीच आय असमानताओं को बढ़ा दिया है. इसके अलावा कोरोना वायरस संकट से लेकर अब वैक्सीनेशन में भी अमीर और गरीब देशों के बीच का फर्क साफ दिखा है.

कोरोना वायरस से दुनियाभर में करीब 22 लाख लोगों की मौत हुई है. दूसरी तरफ असमानता की खाई बढ़ने की वजह से करोड़ों लोगों की जिंदगी और कठिन हो गई है. कोरोना वायरस के लिए तो वैक्सीन आ गई है, उम्मीद करते हैं कि हमारी सरकारें भी इस असमानता के वायरस के लिए अपनी नीतियों के जरिए वैक्सीन लेकर आएंगीं.

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