26 जनवरी को किसान ट्रैक्टर रैली के हिंसक हो जाने के बाद से किसान आंदोलन को लेकर दिल्ली पुलिस सख्त हो गई. लेकिन सख्ती ऐसी कि जिसने भी देखा वो बिना कुछ कहे नहीं रह पाया. दिल्ली की सीमाओं की तुलना पाकिस्तान और चीन के बॉर्डर से होने लगी. ये सब इसलिए हुआ क्योंकि दिल्ली के बॉर्डर पर कई लेयर में बैरिकेडिंग, बैरिकेडिंग के ऊपर और बीच में कंटीली तारें, सड़कों पर सीमेंट से दबाई गईं लंबी कीलें और भारी संख्या में सुरक्षाबल तैनात कर दिया गया. जिस पर लोगों ने सवाल उठाए कि ये तैयारी किसी दुश्मन के लिए है या फिर कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के लिए.
दिल्ली की सीमाओं से जो तस्वीरें सामने आईं, उनकी खूब चर्चा है. किसान आंदोलन को लेकर पुलिस ने जो इंतजाम किए हैं, वैसे इंतजाम अब तक नहीं देखे गए और राजधानी के करीब तो बिल्कुल भी नहीं.
प्रदर्शन स्थल से दिल्ली की तरफ आने वाली सड़कों को लगभग पूरी तरह से सील कर दिया गया है. जिसके बाद अब इस 'किलेबंदी' को लेकर लोग केंद्र सरकार की जमकर आलोचना कर रहे हैं, साथ ही विपक्षी दलों ने भी इस मुद्दे को उठाया है. इसके अलावा किसानों ने भी पुलिस की इस 6 लेयर बैरिकेडिंग की आलोचना की
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