लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर जारी तनाव के बीच गलवान में भारतीय और चीनी सेनाओं के पीछे डटने की खबरे हैं. 5 जुलाई को भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने चीनी विदेश मंत्री से फोन पर बातचीत की और इसके बाद दोनों देशों ने अपना ऑफिशियल स्टेटमेंट भी जारी किया. खबर है कि 15 जून को एलएसी पर जहां दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प हुई थी वहां से चीनी सैनिक 1.5 से 2 किलोमीटर पीछे हटे हैं. तनाव कम करने की इस कार्यवाही को पिछले 48 घंटों की कूटनीती और बातचीत का नतीजा कहा जा रहा है.
सबसे अहम बात ये है कि एनएसए डोभाल और चीनी विदेश मंत्री की बातचीत में इस बात पर भी फैसला हुआ है कि एलएसी पर जवानों की तैनाती कम की जाएगी. इसके अलावा सीमा पर आगे किसी भी तरह सेना की बढ़ोतरी नहीं होगी, जिससे पूरे क्षेत्र मं शांति कायम हो सके.
विदेश मंत्रालय की तरफ से बताया गया कि सेना की टुकड़ियों को हटाने का ये प्रोसेस अलग-अलग फेज में होगा. जिसे दोनों देश आपसी सहमति से करने के लिए तैयार हैं. इसके अलावा इस बातचीत में ये भी तय हुआ कि दोनों देशों की तरफ से एलएसी पर वास्तविक स्थिति का सम्मान किया जाना चाहिए. जिससे भविष्य में ऐसी कोई भी घटना ना हो जो दोनों देशों के बीच तनाव पैदा करे. भारत के बयान जारी करने के बाद चीनी विदेश मंत्रालय ने भी बयान जारी किया. चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि वो “भारत के सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ सीमा की स्थिति को बेहतर बनाने पर सकारात्मक समझौते पर पहुंचे हैं.”
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