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पॉडकास्ट |होली के दिन कांग्रेस का मध्य प्रदेश में रंग फीका पड़ गया

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मध्य प्रदेश की राजनीतिक में आए भूचाल ने कांग्रेस पार्टी की होली को बेरंग कर दिया. पार्टी के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है. उनके साथ 6 मंत्रियों समेत 20 से ज्यादा एमएलए भी इस्तीफा दे चुके हैं. अब राज्य की कमलनाथ सरकार अल्पमत में है और कोई चमत्कार ही उसे गिरने से बचा सकता है. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बीजेपी का दामन थामा है. वही बीजेपी जिसके खिलाफ वो दिसंबर 2018 के चुनाव में विरोध का परचम बुलंद कर रहे थे. खैर.. इसी का नाम राजनीति है.

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मध्यप्रदेश में कुल विधायकों की कुल संख्या 230 है. फिलहाल दो विधानसभा सीटें खाली हैं. मतलब अभी कुल सीटें हैं 228. यानी राज्य में किसी सरकार को बहुमत के लिए चाहिए 115 सीटें. कांग्रेस पहले से 121 विधायकों के सरकार के समर्थन का दावा करती रही है. लेकिन अब 20 से ज्यादा विधायकों ने राज्यपाल को इस्तीफा दे दिया है. ऐसे में अगर इन विधायकों का इस्तीफा स्वीकार होता है तो कमलनाथ की सरकार गिरना तय है.

10 मार्च की सुबह पूरा देश होली का त्योहार मना रहा था लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया और बीजेपी आलाकमान जैसे किसी और ही मिशन पर थे. ज्योतिरादित्य ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की फिर शाह और सिंधिया मिलकर पीएम मोदी से मिलने पहुंचे. तीनों के बीच करीब 1 घंटे तक बातचीत चली. इसके बाद सिंधिया ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया. उधर कांग्रेस ने बयान जारी किया कि सिंधिया को पार्टी से निकाला दिया गया है.

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