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पॉडकास्ट: उस रोती बच्ची की हंसी लौटाना जरूरी, नहीं तो देर हो जाएगी

16 साल की पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में अपने भाषण से झकझोरा 

Published
भारत
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संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संयुक्त राष्ट्र में भाषण देने से पहले 16 साल की पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने अपने भाषण से लोगों को झकझोर दिया. स्वीडन की 16 साल की पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने संयुक्त राष्ट्र के उच्चस्तरीय जलवायु सम्मेलन के दौरान सोमवार को अपने भाषण से संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस सहित दुनिया के बड़े नेताओं को झकझोर दिया.

ग्रेटा ने अपने भाषण में कहा, "आपने हमारे सपने, हमारा बचपन अपने खोखले शब्दों से छीना. हालांकि, मैं अभी भी भाग्यशाली हूं. लेकिन लोग झेल रहे हैं, मर रहे हैं, पूरा ईको सिस्टम बर्बाद हो रहा है."

अपने संबोधन के दौरान ग्रेटा भावुक हो गई और कहा, "आपने हमें असफल कर दिया. युवा समझते हैं कि आपने हमें छला है. हम युवाओं की आंखें आप लोगों पर हैं और अगर आपने हमें फिर असफल किया तो हम आपको कभी माफ नहीं करेंगे."

संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने न्यूयॉर्क में जलवायु परिवर्तन पर ये विशेष सम्मेलन इसलिए बुलाया था, ताकि दुनिया के सभी देश इसके बारे में संजीदगी से सोचें. उन्होंने करीब 60 देशों को इस सम्मेलन में आमंत्रित किया था, भारत भी इन देशों में शामिल था.
प्रधानमंत्री मोदी के जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में दिए भाषण को समझने के लिए सुनिए द बिग स्टोरी पॉडकास्ट.

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