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पॉडकास्ट: दिल्ली में कोरोना और पॉल्यूशन का डबल अटैक कितना खतरनाक?

अब लोगों को स्मॉग के साथ कोरोना का भी सामना करना होगा.

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दिल्ली में 28 अक्टूबर को पहली बार कोरोना वायरस के 5 हजार केस सामने आए हैं और अब माना जा रहा है कि दिल्ली में कोरोना वायरस की तीसरी वेव आ चुकी है. पिछले एक हफ्ते से केस की संख्या में काफी इजाफा हुआ है. दूसरी तरफ दिल्ली में स्मॉग वाले दिन आ चुके हैं. जब कोरोना नहीं था तब भी इन दिनों में स्मॉग की वजह से सांस लेने में दिक्कत, सिरदर्द और सांस लेने से जुड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. लेकिन अब कोरोना वायरस महामारी के बीच ये कठिन दिन और ज्यादा कठिन होने वाले हैं. क्यों कि अब लोगों को स्मॉग के साथ कोरोना का भी सामना करना होगा.

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देश की राजधानी दिल्ली में तीसरी बार कोरोना वेव दिख रही है और कोरोना केस का ग्राफ एक बार फिर से ऊपर जाते हुए दिख रहा है. जब से कोरोना वायरस ने दस्तक दी है तब से लेकर अब बीते बुधवार को सबसे ज्यादा 5673 नए कोरोना केस रिकॉर्ड किए गए हैं. दिल्ली के पड़ोसी राज्यों हरियाणा, पंजाब और दिल्ली में पराली जलाने से स्मॉग भी बढ़ने लगा है. ऐसे में खतरा डबल है

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की अलग थ्योरी है. उनका मानना है कि कोरोना की पॉजिटिविटी रेट में बढ़ोतरी की एक वजह कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और आबादी की टारगेटेड टेस्टिंग है. उन्होंने मंगलवार 27 अक्टूबर को कहा कि अगर एक शख्स पॉजिटिव टेस्ट होता है, तो हम उसके परिवार और सभी संपर्क का टेस्ट करा रहे हैं. इस स्ट्रैटजी पर करीब से निगरानी रखी जा रही है. सत्येंद्र जैन बताते हैं कि अगर शख्स पॉजिटिव निकलता है, तो आमतौर पर उसी परिवार के ज्यादातर लोग पॉजिटिव निकलते हैं."

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