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पुलिस कस्टडी में मौत पर SC का फैसला, क्या वाकई में होगा पालन?

क्या पुलिस थानों में CCTV कैमरे लगाने से कस्टोडियल डेथ के मामले कम होंगे? सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला अहम क्यों है?

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रिपोर्ट और साउंड एडिटर: फबेहा सय्यद
असिस्टेंट एडिटर: मुकेश बौड़ाई
म्यूजिक: बिग बैंग फज

पुलिस की कस्टडी में मौत या फिर ‘हत्या’ के कई गंभीर मामले हमने पिछले कई सालों में देखे. इसी साल तमिलनाडु के तूतीकोरन में एक बाप और बेटे की पुलिस कस्टडी में मौत हो गई.  59 साल के जयराज और उनके 31 साल के बेटे का कसूर सिर्फ इतना था कि उन्होंने कोरोना लॉकडाउन में तय समय के हिसाब से अपनी दुकान का शटर नहीं गिराया था. इसी आरोप में पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार किया और थाने में रातभर जमकर पिटाई की गई. जिससे दोनों की मौत हो गई. इस मामले के बाद कई ऐसे ही मामले सामने आए और हमेशा की तरह कुछ दिनों तक सोशल मीडिया में क्रांति चलाई गई. फिर हमेशा की तरह सब शांत हो गए.

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लेकिन अब कस्टोडियन डेथ के मामलों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा आदेश दिया है. जिस में राज्यों और केंद्र शासित राज्यों को कहा गया है कि पुलिस थानों में हर जगह सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं, साथ ही इन कैमरों में नाइट विजन और ऑडियो रिकॉर्डिंग की भी सुविधा होनी जरूरी है. SC ने कहा कि ये आदेश संविधान के आर्टिकल 21 को ध्यान में रखते हुए दिया गया है जो लोगों के मौलिक अधिकारों को सुरक्षित रखता है. लेकिन सवाल है कि क्या कैमरे लगाने से क्या पुलिस की सख्ती में कमी आएगी? क्या मौजूदा इंफ्रास्ट्रक्चर इस बात की इजाजत देता है? आज पॉडकास्ट में इन सभी पॉइंट्स पर एक एक करके बात करेंगे.

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