'मुकम्मल' का मतलब है सम्पूर्ण
हमें ऐसा लगता है ज़िन्दगी में शादी, पैसा, मोहब्बत, वग़ैरा, वो मील का पथर हैं, जिन्हें पार करते ही हम 'मुकम्मल' यानी सम्पूर्ण ज़िन्दगी जीने लगेंगे.
ये एक बात है कि हमें लगता है कि मन चाही चीज़ें, खूबियां, और लोगों से ज़िन्दगी पूरी हो जाएगी. ये दूसरी बात है कि 'कभी किसी को मुकम्मल जहां नहीं मिलता, कहीं ज़मीन कहीं आसमां नहीं मिलता'
सुनिए उर्दूनामा का ये नया पॉडकास्ट और समझिये 'मुकम्मल' के मायने.
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टॉपिक: Podcast urdunama Urdu Poetry
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