समाजवादी पार्टी में पिछले दो दिन से स्थिति कुछ साफ नहीं है. कभी पार्टी में सुलह की खबरें आती हैं, तो कुछ देर बात फिर मनमुटाव की बात सामने आने लगती है. ऐसे में क्या है समाजवादी पार्टी का ताजा हाल आइए जानते हैं.
मुलायम को रिसीव करने जाने वाले थे अखिलेश?
खबर है कि गुरुवार को अखिलेश सुलह की पहल करते हुए दिल्ली से लखनऊ आ रहे हैं मुलायम को रिसीव करने के लिए खुद एयरपोर्ट जाने वाले थे, लेकिन जब उन्हें जानकारी मिली कि मुलायम के साथ अमर सिंह भी आ रहे हैं तो अखिलेश ने जाने का फैसला बदल दिया और सुलह की यह कोशिश फिर अधर में लटक गई.
'अमर सिंह न आते तो हो जाती सुलह'
पार्टी के सीनियर नेता नरेश अग्रवाल ने शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि अगर अमर सिंह कल लखनऊ नहीं आते बात सुलझ जाती, लेकिन अब वह आ गए हैं तो सुलह मुश्किल है. नरेश अग्रवाल का यह बयान इस खबर की पुष्टि रहा है कि अमर सिंह के आने से दोनों गुटों के बीच सुलह का मामला पूरी तरह खटाई में पड़ गया है.
मुलायम फंसे पसोपेश में
शुक्रवार को पूरे दिन जारी रही सुलह की कवायद अभी किसी नतीजे तक पहुंचती नहीं दिख रही है. इस पूरे घटनाक्रम में मुलायम सिंह इतने पसोपेश में हैं कि कोई फैसला नहीं ले पा रहे हैं. शुक्रवार को उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए मीडिया को बुलाया, लेकिन कुछ ही देर बाद उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस रद्द कर दी. जानकारों का अंदाजा है कि प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाना और फिर अचानक रद्द कर देना साफ-साफ बता रहा है कि मुलायम किसी भी फैसले पर एकमत नहीं हो पा रहे हैं.
आजम की कोशिशों को मिलेगा अंजाम?
पार्टी में सुलह के लिए जहां दोनों के समर्थक दुआ कर रहे हैं, वहीं पार्टी के सीनियर नेता आजम खान पूरी कोशिश में लगे हैं कि दोनों गुटों में सुलह हो जाए. इसके लिए वह दोनों को मिलाने की भी पूरी कोशिश कर रहे हैं. सूत्रों की मानें तो मुलायम ने आजम खान के समझाने के बाद ही प्रेस कॉन्फ्रेंस रद्द की है. सूत्रों का कहना है कि मुलायम सिंह इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में दोनों गुटों के अलग-अलग चुनाव लड़ने का ऐलान करने वाले थे, लेकिन आजम खान ने उन्हें ऐसा करने से रोक लिया.
अमर सिंह ने अखिलेश पर साधा निशाना
अमर सिंह ने मीडिया से बात करते हुए खुद पर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताया. वहीं अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा, 'जिनके घर पर मुख्यमंत्री पले-बड़े हुए उन्हीं चाचा (शिवपाल यादव) के आज वे विरोधी हो गए हैं' अमर सिंह ने कहा, 'अखिलेश यादव को मेरा आशीर्वाद है, मैं उन्हें भरोसा दिलाना चाहता हूं कि मैं उनकी तरक्की के खिलाफ नहीं हूं.'
संख्या या सत्ता से किसी की हैसियत नहीं बनती. पार्टी में जो कुछ हो रहा है, उसकी वजह मैं नहीं, बल्कि अखिलेश का एक प्रबल समर्थक है. मुलायम सिंह अकेले और बेहैसियत हैं, यह सुनने की क्षमता मुझमें नहीं है. हैसियत संख्या या सत्ता से नहीं होती, वह व्यक्तित्व और कृतित्व से होती है. शिवपाल के साथी होने के कारण जो लोग अखिलेश की नजर में दागी थे, उन सबने मुख्यमंत्री आवास पर जाकर शपथपत्र दे दिये तो वे सब उज्ज्वल हो गये, सफेदी की चमकार हो गई. राजनीति बड़ी क्रूर और निर्मम है. इसमें किसी के लिये खडा होना अपराध है.शिवपाल ने यही अपराध किया है. अमर सिंह, एसपी नेता
अमर सिंह ने किरणमय नंदा पर भी साधा निशाना
अमर सिंह ने सपा के राज्यसभा सदस्य किरणमय नंदा की तरफ इशारा करते हुए कहा ‘पीडा के साथ कहना चाहता हूं. पार्टी के एक वरिष्ठ उपाध्यक्ष हैं, ठीक से हिन्दी नहीं बोल पाते. कहते हैं कि अमर सिंह उत्तर प्रदेश में व्यापार करने के लिये आया है. मैंने एक कौडी का ठेका पट्टा लिया हो, ट्रांसफर-पोस्टिंग का काम किया हो तो...आपको विनम्र चुनौती है, इसकी जांच करा लें.'
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