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तमिलनाडु: दिनाकरण गुट को झटका, HC ने फ्लोर टेस्ट पर लगाई रोक

अदालत ने 18 विधायकों के अयोग्य ठहराए जाने के स्पीकर के फैसले पर कोई रोक नहीं लगाई है, लिहाजा वह अयोग्य बने रहेंगे.

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तमिलनाडु में चल रहा सियासी ड्रामा रुकने का नाम नहीं ले रहा है. मंगलवार को मद्रास हाईकोर्ट ने विधानसभा में दिनाकरण गुट की तरफ से की गई शक्ति परीक्षण की मांग पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही अगले आदेश तक सदन में फ्लोर टेस्ट पर रोक बरकरार रहेगी. साथ ही अदालत ने 18 विधायकों के अयोग्य ठहराए जाने के विधानसभा स्पीकर के फैसले पर भी कोई रोक नहीं लगाई है. इसलिए सभी 18 विधायक अयोग्य बने रहेंगे.

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क्या है पूरा मामला?

मुख्‍यमंत्री ई. पलनीसामी को हटाने की मांग कर रहे एआईएडीएमके के 18 विधायकों को 16 सितंबर को विधानसभा स्पीकर पी धनपाल ने अयोग्य करार दे दिया था. जिसके बाद सभी 18 विधायकों ने मद्रास हाईकोर्ट में इस फैसले के खिलाफ अर्जी दी थी. साथ ही उन्होंने विधानसभा में फ्लोर टेस्ट की भी मांग की थी.

लेकिन मद्रास हाईकोर्ट ने विधानसभा में शक्ति परीक्षण पर रोक लगा दी है. अब 4 अक्टूबर को हाई कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई होगी.

ये सभी एमएलए वीके शशिकला के भतीजे टीटी दिनाकरण के गुट के थे.

क्यों हुआ ऐसा और क्या है अब तक की पूरी कहानी?

दरअसल, जयललिता के निधन के बाद पन्नीरसेल्वम ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. लेकिन कुछ ही दिन बाद एआईएडीएमके में दरार पैदा हो गई और जयललिता की करीबी शशिकला ने खुद मुख्यमंत्री बनने की इच्छा जता दी, और फिर पन्नीरसेल्वम को ही पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया.

वो अलग बात है कि आय से अधिक संपत्ति मामले में शशिकला दोषी पाई गईं और अब वो जेल की हवा खा रही हैं. लेकिन शशिकला ने जेल जाने से पहले पलानीसामी को एआईएडीएमके के विधायक दल का नया नेता चुन लिया और अब पलानीसामी तमिलनाडु के मुख्यमंत्री भी बन गए.
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पलानीसामी और पनीरसेल्वम गुट अाए एक साथ

लेकिन फिर मुख्यमंत्री इ पलानीसामी और पूर्व मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम गुट एक साथ आ गये. जिसके बाद शशिकला को ही पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया. और पनीरसेल्वम को डिप्टी सीएम बनाया गया.

अगले ही दिन जेल में बैठी एआईएडीएमके महासचिव शशिकला और उनके भतीजे दिनाकरण के समर्थन वाले 19 विधायकों ने पलानीसामी सरकार से खुद को अलग कर लिया. इन्होंने गवर्नर सी विद्यासागर राव से मिलकर अपना समर्थन वापस ले लिया.

दोनों के साथ आने के बाद पनीरसेल्वम डिप्टी सीएम बने और शशिकला को अंतरिम महासचिव के पद से हटाकर पार्टी ने ओपीएस के नेतृत्व में एक संचालन समिति बना दी.

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