'एलन मस्क, Please Help'
आंदोलन के दौरान क्या बातचीत कर रही हैं ईरानी महिलाएं
(ये आर्टिकल मूल रूप से 27 सितंबर 2022 को पब्लिश हुआ था. इसे ईरान की महिला एक्टिविस्ट नर्गेस मोहम्मदी को 2023 का नोबेल शांति पुरस्कार मिलने के बाद क्विंट हिंदी के आर्काइव से दोबारा पब्लिश किया जा रहा है.)
एक ईरानी महिला, जो प्रदर्शनकारियों में से एक है, ने व्हाट्सएप पर एक जरूरी संदेश टाइप किया, "अगर मैं आपकी कॉल का जवाब नहीं देती, तो समझ लें कि हमारा इंटरनेट बंद कर दिया गया है."
एक अन्य ने इंस्टेंट मैसेजिंग प्लेटफॉर्म के माध्यम से क्विंट को बताया, “मुझे उम्मीद है कि यह आखिरी बार नहीं है जब आप मेरी आवाज सुन रहे हैं.”
पुलिस हिरासत में 22 वर्षीय महसा अमिनी की मौत ईरान में आंदोलन की वजह बन गई. आंदोलन एक ऐसी सरकार के खिलाफ जिसे आंदोलन से सबसे ज्यादा डर लगता है. अमिनी को इसलिए मार डाला गया क्योंकि उसने "ठीक से'' हिजाब नहीं पहना था.
21 सितंबर को, ईरानी सरकार ने सोशल मीडिया पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया. इससे प्रदर्शनकारियों के लिए दुनिया को ये बताना मुश्किल हो गया कि ईरानी पुलिस किस तरह के जुल्म ढा रही है.
सोशल मीडिया पर प्रतिबंध के एक दिन पहले, 20 सितंबर को, सैकड़ों प्रदर्शनकारी तेहरान के केशवर्ज़ बुलेवार्ड में इकट्ठा हुए. 'खमेनेई की मौत'-इन्होंने ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनेई के खिलाफ जमकर नारे लगाए.
एक प्रदर्शनकारी नर्गिस ने क्विंट को बताया, "पुलिस ने हम पर गोली चलाई. उन्होंने आंसू गैस के गोले छोड़े और मोटरसाइकिलों पर हमारा पीछा किया. उन्होंने मुझपर रबर की गोलियां चलाईं और मुझे डंडों से पीटा." इन विरोध प्रदर्शनों के वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपलोड किए गए थे, ताकि दिखे कि ईरान में क्या हो रहा है.''
अगले दिन रात के करीब 9 बजे, मैसेज का आना बंद हो गया, वीडियो अपलोड नहीं हो रहे थे, कॉल काट दिए गए थे और तस्वीरें डाउनलोड नहीं हो रही थीं.
इसके साथ, ईरान में व्हाट्सएप ग्रुप्स में ये बात चल पड़ी कि विरोध प्रदर्शनों को कुचलने के लिए सरकार राजधानी तेहरान में इंटरनेट बंद कर रही है.
कुछ ने SOS संदेश भेजे और पत्रकारों से अनुरोध किया कि वे इंटरनेट तक पहुंच खो देने से पहले अपनी गवाही दर्ज करें. क्विंट को कुछ जरूरी मैसेज मिले हैं.
इस रिपोर्टर ने जिन मैसेज को देखा उनमें से एक था- "एक दिन आएगा जब सरकार इस देश की जनता के हाथों और पैरों के नीचे कुचली जाएगी. इस देश के लोग बहुत मजबूत हैं,"
एक अन्य मैसेज में कहा गया, "बस आपको यह बताना चाहता हूं कि मैं सुरक्षित घर पहुंच गया हूं. लेकिन कृपया अन्य पत्रकारों को यूएनजीए नहीं, यहां जो हो रहा है उस पर ध्यान देने के लिए मनाएं"
स्वतंत्रता समूह
और सोशल मीडिया बैन को बायपास करने के तरीके
इस बीच, ट्विटर पर उन तमाम तरीकों की चर्चा थी, जिनके जरिए ईरानी शासन के प्रतिबंधों से पार पाया जा सकता था.
हैक्टिविस्ट समूह 'एनोनिमस' ने सुझाव दिया कि प्रदर्शनकारी 'टोर' का इस्तेमाल करते हैं, जो सख्त सेंसरशिप वाले देशों में बातचीत को संभव बनाता है.
लेकिन प्रदर्शनकारी थक चुके थे.
प्रदर्शनकारियों में से एक शाइस्ता ने क्विंट को बताया-
"मैंने 'टोर' के बारे में कभी नहीं सुना है और भले ही यह आसान लगता है, मैं नए ऐप्स या ब्राउजर का उपयोग करने का जोखिम नहीं उठाना चाहती थी. आप कभी नहीं जानते कि कौन सा ईरानी क्रांतिकारी गार्ड इस ब्राउज़र की चाबी रखता है, ” शाइस्ता और उसके दोस्तों ने एक अन्य ऐप का उपयोग करने का फैसला किया, जिस पर उन्हें भरोसा था, टेलीग्राम, जहां उन्होंने एक दर्जन विरोध समूहों की खोज की, जो लगभग हर मिनट विरोध के वीडियो और तस्वीरें भेज रहे थे.
जैसे ही यह बात फैली, प्रदर्शनकारियों ने ऐप डाउनलोड किया और "स्वतंत्रता समूहों" में शामिल हो गए, जैसा कि वे उन्हें कहते हैं.
उनका मानना है कि ये समूह सुरक्षित हैं, और यहां शासन पर स्वतंत्र रूप से अपने विचार व्यक्त कर सकते हैं, लेकिन ऐसी घटनाएं भी हुई हैं जिन्होंने उन्हें अपनी तस्वीरें और वीडियो पोस्ट करने से हतोत्साहित किया है. शाइस्ता के 20 वर्षीय सहयोगी सईद ने उनके समूह को सूचित किया कि 20 सितंबर को एक विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के बाद, उसकी पहचान उजागर हो गई.
इंटरनेट के लिए एक याचिका
और एलन मस्क को एक संदेश
ईरान में प्रदर्शनकारी ट्विटर पर स्पेसएक्स और स्टारलिंक के संस्थापक एलन मस्क से भी मदद की गुहार लगा रहे हैं.
स्टारलिंक स्पेसएक्स फाल्कन 9 रॉकेट का उपयोग उपग्रहों की एक बड़ी प्रणाली को कक्षा में पहुंचाने के लिए करता है, जो ब्रॉडबैंड-स्तरीय इंटरनेट एक्सेस प्रदान करता है.
मस्क और उनकी स्टारलिंक टीम ने रूसी ठिकानों को निशाना बनाने में यूक्रेन की सेना की मदद की. इसके लिए उनकी सराहना हुई. लिहाजा ईरानी प्रदर्शनकारी ट्वीट कर रहे थे और मस्क से ईरान में स्टारलिंक को सक्रिय करने का अनुरोध कर रहे थे, जहां कई क्षेत्रों में इंटरनेट अभी भी कमजोर या दुर्लभ है.
शुक्रवार की आधी रात के बाद ईरानियों ने जीत के संदेश भेजे. मस्क ने अमेरिकी विदेश मंत्री एंथनी ब्लिंकन के पोस्ट के नीचे एक घोषणा की थी.
ब्लिंकन ने ट्वीट किया कि बाइडेन प्रशासन ने ईरानी प्रदर्शनकारियों की इंटरनेट तक पहुंच बनाने के लिए कदम उठाए हैं,. जिस पर मस्क ने जवाब दिया: "स्टारलिंक को सक्रिय कर रहा हूं."
"कृपया हमारी बात सुनें"
और मेटा के खिलाफ आलोचना
बढ़ती आलोचना के बीच व्हाट्सएप चलाने वाली कंपनी मेटा ने घोषणा की कि वह ईरानी एकाउंट्स को नहीं रोक रही और उन्हें जारी रखने के लिए उसकी हैसियत में जो है वो कर रही है.
हालांकि ईरानी प्रदर्शकारी टेलीग्राम पर ज्यादा यकीन कर रहे हैं. ईरान में टेलीग्राम के 86,000 से अधिक फॉलोअर हैं. प्रदर्शन के दिनों में ईरानी ऐसी किसी ऐप पर निर्भर नहीं रहना चाहते जो उनके लिए जोखिम बढ़ाए.
ईरानी प्रदर्शनकारी क्विंट को वीडियो और संदेश भेज रहे हैं. वो बता रहे हैं दंगा रोधी पुलिस की तैनाती बढ़ रही है और वो प्रदर्शनकारियों पर गोली चला रहे हैं.
आधिकारिक अनुमानों के मुताबिक, पुलिस की हिंसा में कम से कम 35 लोगों की मौत हुई है. ऑनलाइन बोलने आज़ादी ईरानियों के लिए इस समय सर्वोच्च प्राथमिकता है.
"कृपया हमारी बात सुनें. हम ईरान में स्वतंत्रता चाहते हैं ..."
क्रेडिट
रिपोर्टर
दीपा पैरेंट
दीपा पेरिस में एक स्वतंत्र पत्रकार हैं. यूनिवर्सिटी कॉलेज डबलिन की पूर्व स्टूडेंट दीपा युद्ध और अंतरराष्ट्रीय संघर्षों पर लिखती हैं.
प्रोड्यूसर
मैत्रेयी रमेश
कॉपी एडिटर
तेजस हराड
ग्राफिक्स डिजाइनर
अरूप मिश्रा
UI/UX डिजाइनर
कामरान अख्तर
क्रिएटिव डायरेक्टर
मेघनाद बोस
सीनियर एडिटर