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PM से स्टोल पाने वाली शिल्पी आम नहीं ‘खास’ ट्विटर यूजर हैं,क्यों ?

शिल्पी तिवारी केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की पूर्व सहयोगी रह चुकी हैं

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केंद्र सरकार और सरकार के बड़े नेताओं की सोशल मीडिया पर सक्रियता जगजाहिर है. हाल ही में ट्विटर पर हुए एक वाकये ने इसे और पुख्ता कर दिया है. शुक्रवार यानी 24 फरवरी को पीएम मोदी ने कोयंबटूर में भगवान शिव की विशाल प्रतिमा का अनावरण किया था. इस अनावरण की एक तस्वीर को पीएम की प्रशंसक और ट्विटर पर ज्यादातर सक्रिय रहने वाली शिल्पी तिवारी ने ट्वीट किया. शिल्पी ने पीएम मोदी के ट्विटर हैंडल को टैग करते हुए लिखा- 'मुझे नरेंद्र मोदी का ये स्टोल चाहिए'

आपको बता दें कि प्रधानमंत्री अनावरण के कार्यक्रम में एक खास तरह का नीला स्टोल ओढ़े हुए दिख रहे थे.

पीएम मोदी ने एक बार फिर अपनी तत्परता का सबूत दिया और अगले ही दिन शिल्पी के पास वो वाला स्टोल पहुंच गया. स्टोल के साथ पीएम मोदी के हस्ताक्षर भी थे. शिल्पी ने एक और ट्विट किया जिसमें लिखा

आधुनिक कर्मयोगी से ये आशीर्वाद पाकर अभिभूत हूं, पीएम रोज हजारों मील सफर करते हैं, फिर भी हमारी सुनते हैं.

पीएम मोदी का शिल्पी तिवारी को ये भेंट सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. शिल्पी को बधाइयां भी मिल रही हैं.

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कौन हैं ये शिल्पी तिवारी?

अगर आप ये समझ रहे हैं कि शिल्पी कोई 'आम' ट्विटर यूजर हैं तो आप गलत हैं. शिल्पी तिवारी ट्विटर पर खासी लोकप्रिय हैं. पीएम मोदी, वित्त मंत्री अरुण जेटली भी ट्विटर पर शिल्पी को फॉलो करते हैं. 1 लाख से ज्यादा लोग ट्विटर पर शिल्पी के फॉलोवर हैं. सरकार के समर्थन में शिल्पी ट्विटर पर अक्सर मोर्चा संभालित हैं और विरोधियों पर ट्विट 'वार' भी करती नजर आती हैं.

जेएनयू विवाद में नाम सामने आया था

हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक जेएनयू विवाद के दौरान उन पर कुछ वीडियो से छेड़छाड़ के आरोप लगे थे. शिल्पी तिवारी पर ऐसे ही एक वीडियो को प्रमोट करने का भी आरोप लगा था.

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की सहयोगी रहीं हैं शिल्पी

शिल्पी तिवारी केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की पूर्व सहयोगी रह चुकी हैं. उन्होंने लोकसभा चुनाव के दौरान अमेठी में ईरानी के लिए प्रचार का जिम्मा उठाया था. बतौर ईरानी की सहयोगी शिल्पी की नियुक्ति भी विवादों में रह चुकी है, आरोप था कि शिल्पी की नियुक्ति नियमों में ढील देकर की गई थी.

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