‘रियो ओलंपिक के मैराथन इवेंट में एथलीट ओपी जैशा बढ़िया दौड़ीं. ठीक बात.
रेस के बाद वो कथित तौर पर शरीर में पानी की कमी से बेहोश हो गईं और 3 घंटे तक बेहोश पड़ी रहीं. दुखद बात.
और रेस के दौरान रेसर ओपी जैशा को एथलेटिक्स फेडरेशन अॉफ इंडिया ने पानी (ड्रिंक) तक नहीं दिया. एकदम झूठ बात.’
यह दावा है एथलेटिक्स फेडरेशन अॉफ इंडिया का, जिसने जैशा की शिकायत को निराधार बताया है. FAI ने कहा कि जैशा के कोच ने खुद ही एनर्जी ड्रिंक लेने से मना कर दिया था.
FAI ने दावे के साथ कहा कि इंडियन टीम के मैनेजर 16 खाली बोतलें लेकर जैशा के पास गए थे, जिनमें 8 कविता और 8 जैशा के लिए थीं. जैशा से जब पूछा गया कि वे अपनी पसंद का ड्रिंक बता दें, जिससे बोतलों में उसे भरकर सीलबंद कर दिया जाए. लेकिन कविता और जैशा, दोनों ने ही इस अॉफर को ठुकरा दिया.
बेसुध जैशा को आया था तीन घंटे बाद होश
मैराथन खत्म होने के बाद जैशा बेसुध हो गई थीं. इसके बाद ओलंपिक ऑफिशियल्स ने उन्हें ग्लूकोज के कई इंजेक्शन दिए, जिसके तीन घंटे बाद उन्हें होश आया. जैशा के मुताबिक, दूसरे देश अपने खिलाड़ियों के लिए हर ढ़ाई किलोमीटर पर ड्रिंक्स का एक डेस्क लगाए हुए थे, जबकि इंडियन डेस्क पर तिरंगा भी नहीं दिखा. महिला मैराथन में जैशा 89 वें नंबर पर रहीं थीं.
वीडियो में देखिए रेस के बाद उन्होंने कैसे बताई थी अपनी तकलीफ.
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