पुणे टेस्ट में अगर किसी एक खिलाड़ी ने टीम इंडिया को शिकस्त दी है तो वो हैं स्टीव ओकीफ. दोनों पारियों में 6-6 विकेट लेने वाले कीफ ने टीम इंडिया के बल्लेबाजों को अपनी उंगलियों पर नचाया. किसी ने भी नहीं सोचा था कि ये गुमनाम स्पिनर भारतीय बल्लेबाजी को तहस-नहस कर देगा.
ऑस्ट्रेलिया के महान लेग स्पिनर शेन वॉर्न को भी ऐसा ही लगता था.
दरअसल भारतीय टीम की पहली पारी के दौरान स्टीव ओकीफ ने अपने शुरुआती 9 ओवर में 30 रन दे दिए थे और उन्हें एक भी विकेट नहीं मिला था. भारतीय बल्लेबाज ओकीफ को बेहद आसानी से खेल रहे थे.
लेकिन उसके बाद जो हुआ वो अद्भुत था. इस लेफ्ट आर्म स्पिनर ने 25 गेंदों के भीतर 5 रन देते हुए भारत के 4 मुख्य विकेट ले लिए. इस गेंदबाज ने ऐसा कहर ढाया कि टीम इंडिया सिर्फ और सिर्फ 105 रनों पर ऑलआउट हो गई.
ओकीफ ने जब अपना पहला विकट लिया तो उससे कुछ मिनट पहले ही कमेंट्री बॉक्स में बैठे दिग्गज स्पिनर शेन वॉर्न ने एक बात कही थी. वॉर्न ने ओकीफ की आलोचना करते हुए उन्हें ऑस्ट्रेलियन गेंदबाजी की सबसे कमजोर कड़ी बताया था.
जब आप पहला सेशन शुरु करते हैं तो एक टोन सेट करने की कोशिश करते हैं जिससे भारतीय बल्लेबाजों पर दबाव बनाया जा सके. मैं स्टीव ओकीफ के प्रति ज्यादा कड़ा तो नहीं बोलूंगा लेकिन इस ऑस्ट्रेलियन बॉलिंग लाइन अप में वो सबसे कमजोर हैं.शेन वॉर्न, पूर्व क्रिकेटर, ऑस्ट्रेलिया
कमेंट्री के दौरान वॉर्न ने नेथन लॉयन को स्टीव से बेहतर गेंदबाज बताते हुए कहा कि शायद ओकीफ को एक विकेट मिल जाए लेकिन इस पिच पर लॉयन ही बेहतर गेंदबाज हैं.
सिर्फ इतना ही नहीं शेन वॉर्न ने मैच के पहले दिन सभी के सामने स्टीव ओकीफ के टीम सेलेक्शन पर भी सवाल उठाए थे. वॉर्न ने स्टीव की जगह मिचेल स्वेपसन और एस्टन अगर को चुने जाने की वकालत की थी.
ओकीफ कोई बहुत बड़ा खतरा नहीं हैं क्योंकि उनकी गेंद ज्यादा टर्न नहीं करती. इन परिस्थियों में स्वेपसन और अगर ज्यादा अच्छे गेंदबाज साबित होते.शेन वॉर्न, पूर्व क्रिकेटर, ऑस्ट्रेलिया
लेकिन वॉर्न के इन बयानों के कुछ देर बाद ही स्टीव ओकीफ ने ऐसा धमाकेदार प्रदर्शन किया कि बड़बोले शेन वॉर्न की बोलती ही बंद हो गई.
ओकीफ ने पुणे टेस्ट की दोनों पारियों में 6-6 विकेट अपने नाम किए और ऑस्ट्रेलिया की जीत के हीरो बने.
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