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कोहली की टीम को गावस्कर की झाड़ और तेंदुलकर का दुलार

गावस्कर ने शब्दों में कोताही न बरतते हुए कहा- यह भारतीय टीम की सबसे बड़ी हार में से एक है. मुझे बहुत नाराजगी है

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जब आप अच्छा कर रहे होते हैं, कामयाबी की सीढ़ियां लगातार चढ़ रहे होते हैं, हर दिन सफलता के नए रिकॉर्ड बना रहे होते हैं तब सभी आपके साथ होते हैं, आपकी खुशी में शरीक होते हैं.

लेकिन जिस दिन आप हार का मुंह देखते हैं, आपकी सफलता पर 24 घंटे फूल बरसाने वाले लोग गायब हो जाते हैं. बाद में इन्हीं लोगों को आप अपने खिलाफ लाल-पीला होते हुए देखते हैं. और फिर दो तरह की बातें होती हैं, कोई हार के लिए डांटता है तो कोई फिर जीत की उम्मीद जगाता है. फिलहाल यह हाल टीम इंडिया का है.

अॉस्ट्रेलिया ने टीम इंडिया को पुणे टेस्ट में 333 रन से हरा दिया. यह भारतीय टेस्ट इतिहास की सबसे करारी हारों में से एक थी. पूरा मैच ढाई दिन में खत्म हो गया. कोहली के शेर ऐसे ढेर हुए कि 75 ओवर तक नहीं खेल पाए. ऐसे में उनके प्रदर्शन पर सवाल उठना लाजिमी है और लोग पानी पी-पी कर उन्हें कोस भी रहे हैं.

लिटिल मास्टर के नाम से मशहूर सुनील गावस्कर ने शब्दों के हेर-फेर के बिना टीम इंडिया को निशाना बनाते हुए कहा,

टी ब्रेक के बाद केवल आधे घंटे में पूरी टीम का निपट जाना विश्वसनीय नहीं है. इंडियंस का रवैया गैर जिम्मेदाराना था. बल्लेबाजों को समझना था कि उन्हें क्रीज पर टिकना है. मुझे याद नहीं कब भारत ढाई दिन में मैच हारा था. मुझे इस बात से बहुत नाराजगी है कि भारतीय खिलाड़ियों ने लड़ने का माद्दा नहीं दिखाया. 75 ओवर में अॉलऑउट हो जाना कहीं से भी सही नहीं है. यह भारत की अभी तक की सबसे बुरी हारों में से एक है.
सुनील गावस्कर, पूर्व क्रिकेटर
गावस्कर ने शब्दों में कोताही न बरतते हुए कहा- यह भारतीय टीम की सबसे बड़ी हार में से एक है. मुझे बहुत नाराजगी है
सुनील गावस्कर (फोटो: BCCI)

लेकिन गॉड अॉफ क्रिकेट का अभी भी टीम इंडिया में भरोसा बरकरार है

वहीं दूसरी ओर कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो बुरे वक्त में आपकी हौसलाअफजाई कर आपसे कुछ बेहतर करवाने की कोशिश करते हैं. इन्हीं लोगों का ये गुण इन्हें दूसरों से अलग कर महान बनाता है. ऐसे ही एक इंसान हैं सचिन तेंदुलकर.

यह हमारे लिए मुश्किल खेल था. लेकिन ये सब खेल का हिस्सा है. हार का मतलब ये तो बिल्कुल नहीं है कि हम सीरीज हार गए हैं. पूरी सीरीज हमारे सामने है. इस टीम का जज्बा देखते हुए मैं कह सकता हूं कि वे लड़ाई में वापसी करेंगे. ऑस्ट्रेलिया टीम भी ये बात जानती है. जब हम अॉस्ट्रेलिया को हराते थे तब वो भी अच्छी वापसी करते थे. यही चीज खेल को मजेदार बनाती है. इसी चीज के लिए खिलाड़ी खेलते हैं. कुछ अच्छे पल होते हैं कुछ बुरे. लेकिन मायने केवल ये रखता है कि आप अपने पैरों पर वापस किस तरह खड़े होते हैं.
सचिन तेंदुलकर

सचिन तेंदुलकर ने उम्मीद से भरे शब्दों में कहा कि उन्हें पता है कि टीम इंडिया वापसी करेगी और फिर ऑस्ट्रेलिया को कड़ी टक्कर देगी और यही उम्मीद टीम कोहली से देश को भी है.

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