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चैंपियंस ट्रॉफी मुश्किल में: ICC ने BCCI के राजस्व में की कटौती

BCCI के खर्च में ज्यादा कटौती जबकि इंग्लैड और ऑस्ट्रेलिया के बजट में मामूली कटौती की गई है

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भारत का चैंपियन्स ट्रॉफी में भाग लेने पर अभी भी असमंजस की स्थिती बनी हुई है. इसी के मद्देनजर ICC BCCI को नये राजस्व मॉडल के हिसाब से मूल हिस्सेदारी से दस करोड़ डालर अधिक देने के लिये तैयार है. दुबई में मौजूद बीसीसीआई के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार आईसीसी ने 39 करोड़ डॉलर की अपनी पेशकश को अभी रद्द नहीं किया है जो कि 29 करोड़ 30 लाख डॉलर की मूल राशि से लगभग दस करोड़ डॉलर अधिक है.

आईसीसी के नए मॉडल के तहत मौजूदा राजस्व और लागत के अनुसार, बीसीसीआई को आईसीसी से अगले आठ वर्ष के दौरान 29.3 करोड़ डॉलर मिलेंगे, जबकि ईसीबी को 14.3 करोड़ डॉलर, जिम्बाब्वे क्रिकेट को 9.4 करोड़ डॉलर और शेष सात पूर्ण सदस्य देशों में से प्रत्येक को 13.2 करोड़ डॉलर मिलेंगे.

आईसीसी चेयरमैन शशांक मनोहर की इस पेशकश को पहले बीसीसीआई ने नामंजूर कर दिया था. आईसीसी बोर्ड के सदस्यों, मुख्य अधिकारियों की समिति, विकास समिति, लेखा परीक्षा समिति, वित्तीय एवं वाणिज्यिक मामलों की समिति और महिला समिति और मंच की बैठकों के तहत पांच दिनों तक गहन विचार-विमर्श के बाद यह फैसला लिया गया है.

आईसीसी के इस नए वित्तीय मॉडल के साथ ही 2014 में पारित प्रस्ताव रद्द हो जाएगा, जिसमें 'असंगत तरीके से' बीसीसीआई, क्रिकेट आस्ट्रेलिया (सीए) और इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) को अत्यधिक हिस्सेदारी दे दी गई थी.

चैंपियन्स ट्रॉफी पर लटकी तलवार

दुबई में मौजूद रहे बीसीसीआई के कुछ अन्य अधिकारियों का मानना है कि अंतिम पेशकश 45 करोड़ डॉलर होनी चाहिए और शासन के ढांचे में कोई बदलाव नहीं होना चाहिए. सूत्रों के मुताबिक ‘‘यहां तक कि अमिताभ ने सदस्यों ने कहा कि अगर आप पेशकश को 45 करोड़ डॉलर तक ले जाते हैं तो मैं बोर्ड तक इस पेशकश को ले जाउंगा और उन्हें मनाने की कोशिश करुंगा लेकिन शशांक मनोहर टस से मस होने के मूड में नहीं थे''

संभावना है कि बीसीसीआई के मतदान का अधिकार रखने वाले 30 सदस्य आगामी एसजीएम में चैंपियन्स ट्राफी से हटने पर सहमति जतायेंगे. उन्होंने कहा, ‘‘अभी चैंपियन्स ट्राफी से हटना एक विकल्प है. बीच का रास्ता यह है कि अगर आईसीसी 45 करोड़ डॉलर तक पहुंचने के लिये तैयार हो जाते हैं क्योंकि वो शुरू में 39 करोड़ डॉलर भुगतान करने के लिये तैयार हैं. इसके अलावा शासन के ढांचे में बदलाव नहीं होना चाहिए.

बीसीसीआई के सीनियर अधिकारी ने पीटीआई से कहा, ‘‘हमने आईसीसी से कहा कि हम उनका प्रस्ताव बीसीसीआई आम सभा के सामने रखेंगे और फिर आपको जवाब देंगे. आईसीसी अधिकारियों ने यहां तक कहा कि अगर हम 39 करोड़ डॉलर की राशि लेने पर सहमत हो जाते हैं तो फिर मई में बोर्ड की बैठक में इसे मंजूरी दी जाएगी लेकिन बीसीसीआई के कुछ अन्य अधिकारियों की राय अलग है.

ICC की बैठक में शशांक मनोहर का फॉर्मूला स्वीकार

बीसीसीआई को आईसीसी बोर्ड की बैठक में 1-13 से हार का सामना करना पड़ा जहां ‘बिग थ्री' मॉडल को हटाने का मनोहर का फॉर्मूला स्वीकार किया गया. बीसीसीआई को पहले 51 करोड़ दस लाख डॉलर का हिस्सा मिलता था जो कि अब 29 करोड़ 30 लाख डॉलर कर दिया गया. ऑस्ट्रेलिया को कोई नुकसान नहीं हुआ जबकि इंग्लैंड की बहुत कम धनराशि काटी गयी.

अब आगे क्या?

बीसीसीआई स्टार स्पोर्ट्स कS रवैये का भी इंतजार कर रहा है जिसने चैंपियन्स ट्रॉफी के प्रसारण अधिकारों के लिये आईसीसी को मोटी धनराशि दी है. अधिकारी ने सवाल किया, ‘‘अगर विराट कोहली बनाम मोहम्मद आमिर और मिशेल स्टार्क बनाम महेंद्र सिंह धोनी मुकाबला नहीं हुआ तो क्या स्टार स्पोर्ट्स उन्हें पुराने करार के हिसाब से ही धनराशि देगा।'' जो पिछला मॉडल था वह काफी हद तक भारत के पक्ष में था और इसलिए ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड ने उससे हाथ खींचे. पिछले मॉडल के हिसाब से ऑस्ट्रेलिया को 13 करोड़ 12 लाख 50 हजार डॉलर मिलने थे और नये मॉडल में उन्हें 7 लाख 50 हजार डालर की अतिरिक्त धनराशि भी मिल रही है. क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ऐसे में आईसीसी के कदम का विरोध नहीं कर रहा है.

इंग्लैंड को नये करार में केवल चार करोड़ डॉलर का नुकसान हुआ जबकि अन्य देशों को फायदा हुआ है. आईसीसी से लगे झटके के बाद आरोप प्रत्यारोप का दौर भी शुरु हो गया क्योंकि प्रशासकों की समिति दावा कर रही है कि उसने बीसीसीआई को आईसीसी की पेशकश स्वीकार करने के लिये कहा था.

पाकिस्तान को फायदा


इन फैसलों में पाकिस्तान के लिए भी एक अच्छी खबर है. आईसीसी पाकिस्तान में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट की बहाली के लिए रास्ते तलाश रही है. फिलहाल पाकिस्तान ने दुबई को अपना घरेलू ग्राउंड बना रखा है.

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