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रोहित के रिकॉर्ड से पंघल के पंच तक, 2019 में छा गए ये खिलाड़ी

2019 में सबसे ज्यादा जलवा भारतीय निशानेबाजों का रहा

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2019 खत्म होने के साथ ही अब नए साल पर हैं. हर साल की तरह 2020 में भी कई क्रिकेट सीरीज होंगी और कई शूटिंग, बॉक्सिंग, बैडमिंटन टूर्नामेंट्स भी होंगे, लेकिन सबसे ज्यादा नजर रहेगी टोक्यो ओलंपिक पर और ऑस्ट्रेलिया में T20 वर्ल्ड कप पर.

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कई नए सितारे इस नए साल में भी मिलेंगे और कई बड़े नाम एक बार फिर अपनी छाप छोड़ेंगे, लेकिन इससे पहले 2019 के कुछ सितारों की चर्चा जरूरी है, जिन्होंने इस साल अपने प्रदर्शन से सबको प्रभावित किया.

रोहित शर्मा

हर साल की तरह भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली 2019 में भी शानदार फॉर्म में थे, लेकिन सही मायनों में ये साल रहा रोहित शर्मा के नाम. रोहित ने फरवरी-मार्च में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज में शतक से शुरुआत की और दिसंबर में वेस्टइंडीज सीरीज से साल का अंत किया.

इस बीच रोहित ने जमकर रिकॉर्ड बनाए. सबसे बड़ा रिकॉर्ड रहा वर्ल्ड कप में. रोहित ने इंग्लैंड में हुए इस वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा रन बनाए, लेकिन रिकॉर्ड रहा 5 शतक का. रोहित ने श्रीलंका के कुमार संगाकारा के एक ही वर्ल्ड कप में 4 शतकों का रिकॉर्ड तोड़ा.

रोहित की इस फॉर्म ने उन्हें टेस्ट क्रिकेट में भी ओपनर की जगह दी और साउथ अफ्रीका के खिलाफ पहले ही टेस्ट में 2 शतक जड़ डाले. फिर तीसरे टेस्ट में अपना पहला टेस्ट दोहरा शतक जड़ दिया. इतना ही नहीं, रोहित की कप्तानी में मुंबई इंडियंस ने रिकॉर्ड चौथी बार इंडियन प्रीमियर लीग का खिताब जीता. 2020 में एक बार फिर रोहित से बड़े प्रदर्शन की उम्मीद रहेगी.

दीपक पूनिया

सितंबर में हुई वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप भारत के लिए बेहद खास रही. भारत ने इस चैंपियनशिप के जरिए ओलंपिक 2020 के लिए 4 कोटे हासिल किए. साथ ही पहली बार एक ही चैंपियनशिप में 5 मेडल अपने नाम किए. हालांकि भारत की सबसे बड़ी उम्मीद बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट गोल्ड जीतने में नाकाम रहे, लेकिन युवा दीपक पूनिया ने अपने प्रदर्शन से सबको हैरान कर दिया.

दीपक इस साल की चैंपियनशिप में फाइनल में पहुंचने वाले इकलौते भारतीय थे. हालांकि 86 किलो वर्ग के फाइनल से पहले ही चोट के कारण उन्हें हटना पड़ा, फिर भी सिल्वर जीत कर 19 साल के इस पहलवान ने अपना जलवा दिखा दिया.

खास बात ये है कि एक महीने पहले अगस्त में ही दीपक ने जूनियर वर्ल्ड चैंपियन का खिताब अपने नाम किया था. ऐसा करने वाले वो 18 साल में भारत के पहले जूनियर पहलवान बने. दीपक ने साल का अंत और भी बेहतरीन तरीके से किया. वर्ल्ड रेसलिंग की रैंकिंग में दीपक वर्ल्ड चैंपियन यजदानी हसन को पीछे छोड़ नंबर 1 पहलवान बने.

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अमित पंघल

भारतीय पुरुष बॉक्सिंग के लिए 2019 बेहतरीन रहा. ये पहला मौका था जब भारत ने वर्ल्ड चैंपियनशिप में 3 मेडल जीते हों. इससे पहले तक चैंपियनशिप के इतिहास में भारत ने कुल 3 ही मेडल जीते थे.

इसके हीरो रहे अमित पंघल. पंघल वर्ल्ड चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय पुरुष बॉक्सर बने. हालांकि फाइनल में उन्हें अनुभवी बॉक्सर से हार का सामना करना पड़ा, लेकिन 51 किलो कैटेगरी में दुनिया के नंबर एक बॉक्सर पंघल ने ओलंपिक के लिए भारत की उम्मीदों को बढ़ावा दिया.

पीवी सिंधु

पीवी सिंधु के लिए ओवरऑल ये साल बहुत अच्छा नहीं रहा. इस साल वो सिर्फ दो ही टूर्नामेंट जीत पाईं. पहला सुदीरमन कप और दूसरा सबसे खास- ऐतिहासिक वर्ल्ड चैंपियनशिप. सिंधु ने 25 अगस्त को बासेल में हुए वर्ल्ड चैंपियनशिप के फाइनल में जापान की नोजोमी ओकुहारा को 21-7, 21-7 से हराया. इसके साथ ही सिंधु ने ओकुहारा से 2017 चैंपियनशिप फाइनल की हार का हिसाब भी पूरा किया.

इस जीत के साथ ही सिंधु ने इतिहास अपने नाम कर लिया है. वो चैंपियनशिप के 42 साल के इतिहास में खिताब जीतने वाली पहली भारतीय बन गई हैं. 2017 और 2018 में लगातार 2 बार फाइनल में हार के बाद उन्हें आखिर तीसरी बार सफलता मिल ही गई.

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सात्विक और चिराग

सात्विक साईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी. इन दो नामों ने 2019 में बहुत तेजी से भारतीय बैडमिंटन फैंस की दिल में अपनी जगह बनाई. पुरुष डबल्स की इस बेहद युवा जोड़ी ने इस साल अपने काबिले-तारीफ प्रदर्शन से सबका दिल तो जीता ही, साथ ही की दिग्गजों को धूल भी चटाई.

सात्विक और चिराग की जोड़ी ने टॉप-10 में शामिल लगभग सभी जोड़ियों को एक न एक बार हराया, सिवाय नंबर-1 रैंक मलेशिया के ‘मिनियन्स’ की जोड़ी को. 2020 में इनके सामने इस जोड़ी से पार पाना अहम लक्ष्य होगा.

मंजू रानी

उम्र सिर्फ 19 साल और कारनामा ऐतिहासिक. हरियाणा की इस बॉक्सर ने उलान उदे में हुई महिला वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में भारत के लिए इकलौता सिल्वर मेडल जीता. खास बात ये है कि मंजू पहली बार वर्ल्ड चैंपियनशिप में उतरी और इस मुकाम तक पहुंची. ऐसा कर उन्होंने दिग्गज मैरी कॉम की बराबरी की. अपने इस प्रदर्शन के दम पर उन्होंने ओलंपिक क्वालीफायर इवेंट में सीधी जगह बनाई.

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मोहम्मद शमी

2019 भारतीय क्रिकेट में बल्लबाजों से ज्यादा भारतीय तेज गेंदबाजों का साल रहा. रोहित और विराट ने जरूर आदतन कई रिकॉर्ड बनाए, लेकिन सबसे ज्यादा प्रभावित भारत के तेज गेंदबाजों ने किया. ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज में जीत में जसप्रीत बुमराह, उमेश यादव और ईशांत शर्मा का बड़ा योगदान रहा, लेकिन इस साल मोहम्मद शमी ने टेस्ट और वनडे में अपने शानदार प्रदर्शन से टीम में बेहतरीन वापसी कर जगह पक्की की.

जसप्रीत बुमराह जरूर सबकी जुबान पर छाए रहे, लेकिन मोहम्मद शमी बिना किसी शोर शराबे के चुपचाप अपना काम करते रहे और नतीजा सबके सामने है. भारतीय तेज गेंदबाजी आक्रमण इस वक्त दुनिया का सबसे खतरनाक आक्रमण बन चुका है.

सौरभ चौधरी

सिर्फ 17 साल की उम्र, शांत मिजाज, मासूम चेहरा लेकिन निशाना ऐसा कि दिग्गज भी मात खा जाएं. भारतीय खेलों में इस साल सबसे जानदार ‘शो’ निशानेबाजों का रहा. 4 वर्ल्ड कप, वर्ल्ड कप फाइनल, एशियन चैंपियनशिप. हर जगह भारतीय निशानेबाज छाए रहे और इसके अगुवा बने सौरभ चौधरी.

सौरभ ने इस साल सभी बड़े टूर्नामेंट्स में गोल्ड मेडल अपने नाम किए और ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया. सौरभ के अलावा बाकी निशानेबाज भी अचूक रहे और इसलिए पहली बार भारत ने ओलंपिक में 15 कोटा जीते.

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