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विजेंदर का अगला मुकाबला रूसी बॉक्सर से, 3 खासियत जिसने बनाया अजेय

प्रोफेशनल फाइट में विजेंदर ने अपने 12 में 12 मुकाबले जीते हैं

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नई दिल्ली, 13 मार्च (आईएएनएस)। अनुभवी भारतीय मुक्केबाज विजेंदर सिंह बीजिंग ओलंपिक 2008 में कांस्य पदक जीतने के बाद सात साल बाद ही पेशेवर मुक्केबाजी में उतर गए थे। तब से अब तक उन्होंने अपने सभी 12 पेशेवर मुकाबले जीते हैं और अब उनका अगला मुकाबला 19 मार्च को गोवा में रूस के अर्तिश लोपसान के साथ होगा।

35 वर्षीय विजेंदर और लोपसान के बीच यह मुकाबला गोवा के मनदोवरी नदी में मैजेस्टिक प्राइड कैसीनो शिप के छत पर आयोजित होगा।

विजेंदर ने आखिरी बार नवंबर 2019 में बाउट खेली थी जिसमें उन्होंने घाना के चार्ल्स अदामु को दुबई में पराजित किया था। विजेंदर डब्ल्यूबीओ ओरिएंटल सुपर मिडिलवेट और डब्ल्यूबीओ एशिया पैसिफिक सुपर मिडिलवेट चैंपियन हैं।

विजेंदर ने 19 मार्च को होने वाले अपने अगले मुकाबले की ट्रेनिंग को लेकर आईएएनएस के साथ बातचीत में कहा, यह आठ राउंड का मुकाबला होगा। इसलिए मैंने एक सेशन में 10 राउंड के लिए ट्रेनिंग की है। इसके अलावा, हमने दो या तीन राउंड के बाद स्पाकिर्ंग पार्टनर्स को बदल दिया ताकि एक नए प्रतिद्वंद्वी को रखा जा सके जो मेरे स्किल्स का टेस्ट हो सके।

उन्होंने अपनी नाक की चोट को लेकर कहा, ट्रेनिंग के दौरान मेरी नाक पर चोट लग गई थी। लेकिन अब यह ठीक है। मुझे उम्मीद है कि यह एक अच्छा मुकाबला होगा।

विजेंदर का प्रतिद्वंद्वी लोपसान उनसे ज्यादा लंबे हैं और उनके खिलाफ अपने टैकल की योजना को लेकर उन्होंने कहा, मैंने मांसपेशियों को मजबूत बनाने के लिए अपने से अधिक लम्बे मुक्केबाजों के साथ ट्रेनिंग सेशन किया है। उनमें से एक हरियाणा के झज्जर से युवा एशियाई पदक विजेता था। वह सीनियर एथलीट के रूप में मजबूत नहीं थे, लेकिन तकनीकी रूप से यह सीखने में मदद करता है कि आप अपने प्रतिद्वंद्वी की पहुंच से कैसे बाहर रहें।

लोपसान के खिलाफ विजेंदर का बाउट भारत में उनका पांचवां मुकाबला है। इससे पहले वह नई दिल्ली, मुंबई और जयपुर में खेल चुके हैं।

रूस के प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ किसी भी तरह का फायदा होने पर उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि मैं उससे ज्यादा अनुभवी हूं। मैंने 12 मुकाबले खेले हैं मैंने अमेरिका तथा इंग्लैंड में ट्रेनिंग लिया है। मेरा आखिरी मुकाबला दुबई में (नवंबर 2019) हुआ था। जो कि जीत में अहम भूमिका निभाएगा।

अपने मुख्य ताकत के बारे में पूछे जाने पर विजेंदर ने कहा, मैं पावर पैक पंचों में विश्वास करता हूं। धैर्य (सहनशक्ति) वह दूसरा हथियार है जिस पर मैं भरोसा करता हूं। मुझे शांत रहना पसंद है भले ही मेरा प्रतिद्वंद्वी आक्रामक क्यों न हो।

--आईएएनएस

ईजेडए/जेएनएस

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