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Sakshi Malik: कमबैक हो तो ऐसा! 'गोल्डन' गर्ल की एक चाल से विरोधी पहलवान पस्त

CWG 2022 Sakshi Malik: कॉमनवेल्थ गेम्स में साक्षी मलिक का ये पहला गोल्ड मेडल था

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कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 (CWG 2022) में शुक्रवार और शनिवार का दिन भारतीय पहलवानों के नाम रहा दोनों दिन भारत के 6-6 पहलवानों ने मेडल जीते. इसमें एक गोल्ड मेडल देश की बेटी साक्षी मलिक ने जिताया. साक्षी ने फ्रीस्टाइल 62 किलोग्राम वर्ग के फाइनल में कनाडा की एन्ना गोडिनेज को हराया. एक समय मैच में पीछे चल रही साक्षी ने अपने जाने माने अंदाज में डबल लेग अटैक कर गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिया.

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इस जीत के साथ साक्षी ने कॉमनवेल्थ गेम्स में अपना पहला गोल्ड मेडल हासिल कर लिया. उन्हें इस मेडल की जरूरत भी थी, अपने आत्मविश्वास और स्वाभिमान के लिए. साक्षी ने गोल्ड मेडल जीतकर इस बात का एलान कर दिया है कि अभी भी उनमें वही काबिलीयत है, जिसके लिए वह जानी जाती थी.

साक्षी ने अपने इस जीत से साबित कर दिया कि 2016 रियो ओलंपिक में जीता गया मेडल कोई तुक्का नहीं था. उन्होंने 2016 रियो ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीता था और ओलंपिक में कुश्ती के प्रतियोगिता में भारत के लिए मेडल जीतने वाली पहली महिला पहलवान बनीं थीं. साक्षी इससे पहले कॉमनवेल्थ गेम्स में भी दो बार मेडल जीत चुकी हैं. उन्होंने 2014 कॉमनवेल्थ गेम्स में सिल्वर जीता था. वहीं, 2018 गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स में ब्रॉन्ज मेडल जीतने में कामयाब रही थीं, लेकिन इस बार गोल्ड जीतकर अपनी वापसी का एलान कर दिया है.

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मेडल जीतकर भावुक हुई

जीत के बाद साक्षी अपनी भावनाओं को समेट नहीं पाई. इस जीत का असर इससे समझा जा सकता है कि जीत के बाद साक्षी जब गले में गोल्ड मेडल पहने पोडियम पर खड़ी थी और देश का राष्टगान सुनाई दिया तो उनकी आंखों में आंसू आ गए.
CWG 2022 Sakshi Malik: कॉमनवेल्थ गेम्स में साक्षी मलिक का ये पहला गोल्ड मेडल था

गोल्ड मेडल जीतने के बाद भावुक हुई साक्षी मलिक 

(फोटो: ट्विटर)

 साक्षी ने अपने डबल लेग अटैक कमाल दिखाया

साक्षी के लिए फाइनल मुकाबला जीतना आसान नहीं रहा. 6 मिनट तक चलने वाले कुश्ती के खेल में साक्षी पहले डेढ़ मिनट में ही 0-4 से पीछे हो चुकी थी. गोल्ड मेडल जीतने का सपना दूर लग रहा था. कोच पीछे से साक्षी को लगातार सलाह दे रहे थे. साक्षी ने अगले एक मिनट में जबरदस्त वापसी की और मैच को 4-4 की बराबरी पर ला खड़ा कर दिया.

फिर साक्षी ने गोडिनेज को पटकने के लिए वो किया जिसके लिए वो जानी जाती हैं. उनके डबल लेग अटैक का असर दुनिया देख चुकी है. उन्होंने अपने विरोधी पहलवान को इसी में जकड़ दिया और कुछ सेकंड तक जमीन पर गिराए रखा. खेल में इस शानदार वापसी के साथ साक्षी ने 3 मिनट 47 सेकंड में मैच खत्म कर दिया.

कनाडाई पहलवान साक्षी के खेल के बारे में अध्ययन कर के आई थी. उसे पता था कि साक्षी को हराया जा सकता है. एक पहलवान के खिलाफ योजना बनाना आसान है जिसका सारा खेल एक चाल पर निर्भर करता हो, लेकिन योजना बनाना एक बात है और उसमें सफलता पाना अलग. साक्षी ने शुरुआत जरूर धीमी की थी मगर एक चाल में खेल बदल दिया.

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आखिरी मौके पर खुद को साबित किया

29 वर्षीय साक्षी को भी पता था कि यह कॉमनवेल्थ गेम्स में उनका आखिरी मौका हो सकता है. कई प्रतियोगिताओं में देश का नाम रोशन करने वाली साक्षी को इस बार सिर्फ गोल्ड मेडल चाहिए था. क्योंकि उन्होंने मेडल तो बहुत जीते है लेकिन किसी बड़े प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीतने की कमी थी. जिसे साक्षी ने इस बार पूरा कर लिया.

2016 रियो ओलंपिक में पदक जीतने के बाद टोक्यो ओलंपिक की टीम में जगह न बना पाना उन्हें काफी चुभा था, जिसके बाद अब यह जीत उनके आलोचकों के मुंह पर ताला लगाने और उन्हें सुकून की अनुभूति कराने के लिए काफी है.

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