दुनियाभर में कहर बरपा रहे COVID-19 वायरस के कारण अब एक और बड़े खेल टूर्नामेंट का आयोजन इस साल के लिए रद्द हो गया है. हर साल होने वाले टेनिस के 4 ग्रैंड स्लैमों में सबसे प्रतिष्ठित स्लैम विंबलडन अब इस साल नहीं होगा. विंबलडल के आयोजक ऑल इंग्लैंड क्लब (AELTC) ने बुधवार 1 अप्रैल को बताया कि अब चैंपियनशिप का आयोजन 2021 में 28 जून से 11 जुलाई के बीच होगा. इससे पहले इस साल होने वाले टोक्यो ओलंपिक को अगले साल के लिए टालना पड़ा था.
फ्रेंच ओपन के बाद विंबलडन दूसरा ग्रैंड स्लैम है जिसने वैश्विक महामारी के कारण अपना कार्यक्रम बदला है. साल के दूसरे ग्रैंड स्लैम फ्रेंच ओपन ने कुछ दिनों पहले ही टूर्नामेंट को तय समय से टालकर सितंबर के आखिरी हफ्ते में आयोजित करने का फैसला किया था.
1945 में दूसरे विश्व युद्ध के बाद ये पहला मौका है जब टेनिस के सबसे प्रतिष्ठित टूर्नामेंट विंबलडन का आयोजन रद्द करना पड़ा है.
AELTC ने एक बयान में कहा,
“हमें बड़े दुख के साथ बताना पड़ रहा है कि ऑल इंग्लैंड क्लब और प्रबंधन समिति ने यह फैसला किया है कि चैम्पियनशिप-2020 को इस साल रद्द किया जाता है जिसका कारण कोरोनावायरस है. 134वीं चैम्पियनशिप अब 28 जून से 11 जुलाई 2021 के बीच खेली जाएगी.”
बयान में कहा गया है कि, "इसके रद्द होने का परिणाम इससे जुड़े लोग, जिनमें खिलाड़ी भी शामिल हैं, पर क्या होगा, हमने इस बारे में सोच लिया है और इसके लिए हम रणनीति बना रहे हैं. यह लॉयल स्टाफ पर भी लागू होता है जिनके साथ हम जिम्मेदारी को गंभीरता से निभाते हैं."
हर साल विंबलडन से ठीक पहले होने वाले फ्रेंच ओपन को भी कोरोनावायरस के कारण बदलना पड़ा. हालांकि आयोजकों ने इसे रद्द ने कर, साल के आखिरी ग्रैंड स्लैम यूएस ओपन के बाद आयोजित करने का फैसला किया है. ये अब 20 सितंबर से 4 अक्टूबर तक खेला जाएगा.
ब्रिटेन में महामारी का कहर
ब्रिटेन में भी बीमारी का भयानक असर पड़ा है. बुधवार को आई रिपोर्ट के मुताबिक देश में पिछले 24 घंटों में 500 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी, जो इस वायरस के कारण देश में एक दिन में सबसे ज्यादा मौतें हैं. इसके साथ ही देश में मरने वालों की संख्या 2,300 से भी ज्यादा हो गई है. वहीं 29 हजार से ज्यादा लोग अभी तक इससे पॉजिटिव पाए गए हैं.
दुनियाभर में इस वायरस से संक्रमित मामलों की संख्या 9 लाख को पार कर चुकी है. सबसे ज्यादा 2 लाख से ऊपर मामले अमेरिका में आए हैं. वहां साढ़े चार हजार लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. दूसरी तरफ इटली में 13 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है जो दुनिया में किसी भी देश से ज्यादा है. यहां भी संक्रमण के मामले 1 लाख से ऊपर हैं.
स्पेन में भी 9 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और यहां भी 1 लाख से ज्यादा पॉजिटिव केस सामने आए हैं. इस बीच फ्रांस चौथा देश बन गया है, जहां मरने वालों की संख्या चीन से ज्यादा हो गई है. फ्रांस में अब तक साढ़े 3 हजार लोग इसके शिकार बने हैं.
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