बर्मिंघम में चल रहे कॉमनवेल्थ गेम्स (Commonwealth Games 2022) में भारत के लिए वेटलिफ्टिंग से पदकों का आना लगातार दूसरे दिन जारी रहा. 19 वर्षीय स्टार वेटलिफ्टर जेरेमी लालरिननुंगा (Jeremy Lalrinnunga) ने भारत की झोली में दूसरा गोल्ड मेडल डाल दिया. 2018 यूथ ओलंपिक में भी गोल्ड जीतने वाले जेरेमी लालरिननुंगा ने यहां मेंस 67 किग्रा वर्ग में यह गोल्ड अपने नाम किया. उनकी यह जीत इसलिए भी खास थी क्योंकि क्लीन एंड जर्क राउंड में इंजरी के बावजूद जेरेमी ने यह गोल्ड दूसरे नंबर पर रहे सामोआ के प्रतिद्वंदी से 7 किग्रा अधिक वजन उठाकर जीता है.
अपनी इस शानदार जीत के बाद मीडिया से बात करते हुए मिजोरम से आने वाले जेरेमी लालरिननुंगा ने बताया कि वो गोल्ड मेडल जीतने को लेकर पूरी तरह आश्वस्त थे. उन्होंने कहा कि
"हां मैं अपने गोल्ड जीतने को लेकर पूरी तरफ कॉफिडेंट था. यहां बर्मिंघम में मेरी ट्रेनिंग एक महीने पहले से ही चल रही थी. यहां मेरी ट्रेनिंग काफी अच्छी चल रही थी, किसी तरह की इंजरी भी नहीं थी. यही कारण था कि मैंने क्लीन एंड जर्क राउंड में ज्यादा वजन उठाने की उम्मीद की थी लेकिन इवेंट के बीच आये क्रैम्प्स के कारण मैं ऐसा नहीं कर सका"
उन्होंने आगे कहा कि " गेम में कुछ भी हो सकता है, किसी को कुछ पता नहीं होता. इसके बावजूद मुझे जो चाहिए था , यह गोल्ड मेडल मुझे मिल गया".
जेरेमी ने बताया उन्होंने गोल्ड का श्रेय अपने दादा-दादी को क्यों दिया?
मीराबाई चानू के बाद देश को बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में दूसरा गोल्ड दिलाने वाले जेरेमी लालरिननुंगा ने अपने गोल्ड मेडल जीतने का श्रेय अपने दादा-दादी को दिया है. इसकी वजह बताते हुए जेरेमी कहते हैं कि "दादा और दादी, दोनों हमेशा मेरे लिए प्रार्थना करते. यूथ ओलंपिक के पहले दादा गुजर गए और यूथ ओलंपिक के बाद दादी चली गयीं. दोनों वक्त मैं नहीं था घर पर. इसलिए हर लिफ्ट के पहले मैं वही प्रार्थना करता हूं जो दादा ने सिखाया था मुझे" "
जेरेमी की जीत पर उनके पिता ने कहा कि "हम कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान अपने बेटे जेरेमी लालरिनुंगा का समर्थन करने के लिए देश के आभारी हैं. हम मिजोरम के समर्थकों के भी आभारी हैं".
"क्या आपको इंजरी से डर नहीं लगता?" के सवाल पर जेरेमी लालरिननुं ने बताया कि टोक्यो ओलंपिक में भी वो इंजरी के कारण ही हिस्सा नहीं ले पाए थे. उन्होंने बताया कि उनके फिजियो ने उनकी पूरी मदद की और रिहैब कर वह वापस आये.
"इंजरी होते रहती है. लेकिन उसके ऊपर बहुत ज्यादा ध्यान नहीं देना चाहिए.हम जल्द-से-जल्द ठीक होकर वापस अपने लाइन पर आने की कोशिश करते हैं"जेरेमी लालरिननुं
जेरेमी लालरिननुं ने यह भी बताया कि मुकाबले में नंबर दो पोजीशन पर आकर सिल्वर मेडल जीतने वाले सामोआ के वैपवा नेवो इयोने ने उन्हें एक अपना माला उतार कर दे दिया जो कि उनकी आस्था से जुड़ा है.
जेरेमी लालरिननुं ने कहा कि भारत के वेटलिफ्टर अगले 3-4 साल में और अच्छा करेंगे और उन्होंने खुद यह भरोसा दिलाया कि वो भारत के लिए ओलंपिक में मेडल जीतकर आएंगे. जेरेमी पिछले 2 साल से अपने घर नहीं गए हैं. इस शानदार जीत के बाद वो चाहते हैं कि अपने कोच से इजाजत लेकर 1 हफ्ते के लिए घर जाएं और अपने परिवार के साथ वक्त बिताएं.
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