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निकहत जरीन ने रिजिजू को लिखी चिट्ठी,मैरी कॉम के साथ ट्रायल की मांग

निकहत जरीन ने वर्ल्ड चैंपियनशिप के दौरान भी ट्रायल न होने पर फेडरेशन से सवाल किए थे

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वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप के लिए ट्रायल के बजाए सीधे सीनियर बॉक्सर मैरी कॉम को भेजने पर आवाज उठाने वाली युवा बॉक्सर निकहत जरीन ने अब सीधे खेल मंत्री किरेण रिजिजू से गुहार लगाई है. निकहत ने रिजिजू को लिखी अपनी चिट्ठी में ओलंपिक क्वालियफायर इवेंट के लिए ट्रायल कराने की मांग की है.

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बीते अगस्त में हुए वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए मैरी कॉम को 51 किलोग्राम वर्ग में सीधे एंट्री दे दी गई थी, जिस पर पूर्व जूनियर वर्ल्ड चैंपियन निकहत ने बॉक्सिंग फेडरेशन (बीएफआई) के फैसले पर सवाल उठाए थे और स्पष्टीकरण मांगा था.

तब निकहत ने शिकायत की थी कि उन्हें ट्रायल के लिए बुलाया तो गया लेकिन ट्रायल किए बिना ही मैरी कॉम को वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए चुन लिया गया था, क्योंकि मैरी कॉम ने ट्रायल से मना कर दिया था.

हालांकि मैरी कॉम इस बार गोल्ड नहीं पाई, लेकिन उन्होंने ब्रॉन्ज मेडल जीतकर वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम किया. वो बॉक्सिंग की दुनिया में 8 वर्ल्ड चैंपियनशिप मेडल जीतने वाली पहली बॉक्सर बनी थीं.

निकहत ने अब मांग की है कि ओलंपिक के लिए होने वाले क्वालिफाइंग टूर्नामेंट में बॉक्सरों को भेजने से पहले सही तरीके से ट्रायल आयोजित किए जाएं.

दरअसल ऐसा माना जा रहा है कि बीएफआई क्वालिफाइंग इवेंट के लिए भी मैरी कॉम को ही भेजने पर विचार कर रहा है क्योंकि उन्होंने वर्ल्ड चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज अपने नाम किया था. ये फेडरेशन के उस फैसले के ही खिलाफ है, जिसके तहत तय किया गया था कि गोल्ड या सिल्वर जीतने वाले बॉक्सर को ही सीधे एंट्री दी जाएगी. ओलंपिक के लिए क्वालिफाइंग इवेंट फरवरी 2020 में चीन में होगा.

इस पर ही सवाल उठाते हुए निकहत ने खेल मंत्री को चिट्ठी लिखी. निकहत ने ये चिट्ठी ट्विटर पर भी पोस्ट की, जिसमें लिखा है-

“सर ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट एथलीटों को भी अपने देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए दोबारा क्वालीफाई करना पड़ता है.”
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निकहत ने लिखा कि वो मैरी कॉम से प्रेरित होती रही हैं और उनके जैसा बनना चाहती हैं.

“मैं शुरू से ही मैरी कॉम से प्रेरित होती रही हूं. उनसे मिली प्रेरणा से मैं तभी न्याय कर पाउंगी अगर मैं उनके जैसे महान बॉक्सर बनने के लिए प्रयास करूं. मैरी कॉम जैसी लेजेंड को अपने ओलंपिक क्वालिफिकेशन को डिफेंड करने के लिए छुपने की जरूरत नहीं है.”
निकहत जरीन, बॉक्सर

इस पूरे एपिसोड में सबसे खास बात ये है कि बीएफआई के तय मापदंडों के तहत वर्ल्ड चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज जीतने वाले पुरुष बॉक्सरों को क्वालिफाइंग इवेंट में सीधी एंट्री मिलती है.

निकहत ने खेल मंत्री से कहा कि सभी खिलाड़ियों को इस प्रक्रिया से गुजरना चाहिए.

“आखिर 23 बार के ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट माइकल फेल्प्स को भी तो ओलंपिक में जाने के लिए क्वालिफाई करना पड़ा, तो हम सबको भी ऐसा ही करना चाहिए.”
निकहत जरीन

निकहत ने लिखा कि अगर ट्रायल होता है और वो मुकाबला हार भी जाती हैं, तो उन्हें संतुष्टि रहेगी कि उन्हें एक मौका तो मिला.

“मैं किसी तरह का एहसान नहीं चाहती, बल्कि ईमानदारी चाहती हूं. फिर चाहे मैरी कॉम या कोई दूसरा बॉक्सर ट्रायल के जरिए क्वालीफाई करता है, तो कम से कम हम इस सुकून के साथ सो सकते हैं कि हर एक दावेदार को ओलंपिक में अपने देश का सिर ऊंचा करने का मौका मिला.”

हालांकि ओलंपिक चार्टर के तहत किसी भी देश की सरकार किसी भी खेल फेडरेशन की चयन प्रक्रिया में दखल नहीं दे सकती. अगर कोई सरकार ऐसा करती है, तो इसे चार्टर का उल्लंघन माना जाएगा और उस फेडरेशन को निलंबित कर सकती है.

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