भारत के सौरभ चौधरी (Saurabh Chaudhary) ने क्वालीफाईंग में अव्वल रहते हुए 10 मीटर एयर पिस्टल मुकाबले के फाइनल में जगह बनाई थी, लेकिन वहां वह निराशाजनक तौर पर सातवें स्थान पर रहे. सौरभ ने क्वालीफिकेशन में 586 स्कोर के साथ पहला स्थान हासिल किया था. सबसे ज्यादा 28 बार उन्होंने बुल्स आई को हिट किया, लेकिन फाइनल में वह अपने इस प्रदर्शन को दोहरा नहीं सके.
इस खेल का गोल्ड मेडल जावेद फौरोघी ने जीता, जबकि सिल्वर मेडल सर्बिया के दामिर मिकेच ने जीता. चीन के वेई पेंग ने ब्रॉन्ज मेडल जीता.
देश का नाम रौशन करने वाले सौरभ कहां के रहने वाले हैं और कैसे मिली उन्हें कामयाबी?
मेरठ के रहने वाले हैं सौरभ, पिता करते हैं खेती
सौरभ चौधरी उत्तर प्रदेश के मेरठ के पास के गांव कलिना के रहने वाले हैं. उनक के पिता किसान हैं. सौरभ बचपन से ही शूटिंग करते थे. उनके घरवाले कहते हैं की शूटिंग पढाई से बचने का एक जरिया था और इसी ने आज उन्हें भारत का चमकता सितारा बना दिया है.
सौरभ ने एक इंटरव्यू के दौरान खुद कहा था कि वह पढाई में बहुत अच्छे नहीं थे, लेकिन कुछ ऐसा करना चाहते थे, जिससे वह प्यार करते है और शूटिंग उनके लिए कुछ ऐसा ही था.
शूटिंग के लिए सौरभ चौधरी का जुनून कुछ ऐसा था कि वह घंटों ट्रेनिंग करते रहते थे. सौरभ हर दिन ट्रेनिंग के लिए अपने गांव से 15 किलोमीटर दूर जाते थे. उनके परिवार ने उन्हें खूब सहारा दिया और कर्ज लेकर उन्हें सामान खरीदकर दिए. सौरभ ने अपने घर के पीछे एक शूटिंग रेंज बना कर वही प्रैक्टिस करना शुरू कर दिया था.
टोक्यो ओलंपिक पर टाइम मैगजीन में जगह पाने वाले इकलौते भारतीय
टोक्यो ओलंपिक से पहले टाइम मैगजीन ने 48 खिलाडियों कि लिस्ट जारी की थी. इस लिस्ट में भारत के एकमात्र खिलाड़ी निशानेबाज सौरभ चौधरी शामिल थे. इसमें लिखा है, "19 वर्षीय निशानेबाज सौरभ चौधरी टोक्यो में भारत के लिए गोल्ड लाने वाले सबसे बड़े दावेदारों में शामिल हैं."
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