वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप में अभी तक अपने प्रदर्शन से सबको प्रभावित करने वाले भारत के बी साई प्रणीत बेहतरीन सफर सेमीफाइनल में आकर रुक गया. 36 साल बाद वर्ल्ड चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय बने प्रणीत को दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी केंटो मोमोटा ने हरा दिया.
मोमोटा ने प्रणीत को सीधे गेम में 21-13, 21-8 से हरा दिया. इसके साथ ही प्रणीत को ब्रॉन्ज मेडल से संतोष करना पड़ा. हालांकि प्रणीत ब्रॉन्ज हासिल करने वाले सिर्फ दूसरे भारतीय पुरुष शटलर हैं.
जापान के मोमोटा ने लगातार दूसरे साल फाइनल में प्रवेश किया है. उन्होंने पिछले साल इस टूर्नामेंट में गोल्ड मेडल जीता था.
मोमोटा ने 41 मिनट में प्रणीत को पराजित किया. इस जीत के बाद मोमोटा ने प्रणीत के खिलाफ 4-2 का रिकॉर्ड कर लिया है.
प्रणीत ने मैच की अच्छी शुरुआत की और पहले गेम में के शुरुआती समय में मोमोटा को अच्छी टक्कर दी. लेकिन धीरे-धीरे मोमोटा ने लय पकड़ी और मुकाबला जीत लिया और दोनों गेम आसानी से जीत लिए.
बीडब्ल्यूएफ बैडमिंटन वर्ल्ड चैंपियनशिप में प्रणीत का यह पहला मेडल है. प्रणीत बीडब्ल्यूएफ बैडमिंटन विश्व चैम्पियनशिप में पदक जीतने वाले दूसरे भारतीय पुरुष खिलाड़ी बन गए हैं. प्रणीत को हाल ही में प्रतिष्ठित अर्जुन अवॉर्ड के लिए भी चुना गया था.
प्रणीत से पहले दिग्गज खिलाड़ी प्रकाश पादुकोण पहले भारतीय पुरुष खिलाड़ी रहे हैं जिन्होंने वर्ल्ड चैंपियनशिप के अंतिम-4 में जगह बनाकर मेडल पक्का किया था. पादुकोण ने 36 साल पहले 1983 में विश्व चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीता था.
हालांकि भारत के लिए महिला सिंगल्स में अच्छी खबर रही और पीवी सिंधु ने लगातार तीसरी बार चैंपियनशिप के फाइनल में जगह बना ली है.
(इनपुटः IANS)
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