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चेतेश्वर पुजारा की तुलना ‘दीवार’ से क्यों होने लगी है?

जब 12 साल के चिंटू ने 300 रन बनाए थे, तब उसे कहां पता था कि एक दिन उसकी तुलना दिग्गज खिलाड़ी राहुल द्रविड़ से होगी

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बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के लिए एडिलेड में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले जा रहे पहले टेस्ट के पहली पारी में चेतेश्वर पुजारा ने शानदार प्रदर्शन किया. पुजारा ने 123 रन का पारी खेलते हुए कई रिकॉर्ड अपने नाम किए.

पुजारा टेस्ट क्रिकेट में सबसे तेज 5000 रन पूरे करने वाले भारतीय खिलाड़ियों की श्रेणी में शामिल हो गए हैं.

इन रिकॉर्ड्स की बदौलत ही पुजारा की तुलना टीम इंडिया की ‘दीवार’ कहे जाने वाले पूर्व क्रिकेटर राहुल द्रविड़ से होने लगी है. तो आइए जानते हैं किन रिकॉर्ड्स की बदौलत पुजारा ने हासिल किया ये मुकाम.

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...जब पुजारा ने जड़ा तिहरा शतक

पुजारा पहली बार चर्चा में तब आए थे, जब उन्होंने सौराष्ट्र की अंडर-14 टीम के लिए खेलते हुए ट्रिपल सेंचुरी मारी थी.

साल 2001, बड़ोदा का मोतीबा ग्राउंड. वेस्ट जोन अंडर-14 में सौराष्ट्र, बड़ोदा के खिलाफ खेल रहा था. सौराष्ट्र ने टॉस जीता और बल्लेबाजी करने का फैसला लिया. इस मैच में चेतेश्वर पुजारा (12) ओपनिंग करने उतरे थे.

सौराष्ट्र ने इस मैच कि पहली इनिंग में 5 विकेट गंवाकर 460 रन बनाए. अकेले पुजारा ने इस पारी में 306 रन बनाकर सबको चौंका दिया. उस वक्त गुजरात के अखबारों में पुजारा छा गए थे. अपने जन्मदिन से एक हफ्ता पहले उन्होंने अपने जिंदगी की ये यादगार पारी खेली थी.

टेस्ट डेब्यू में लगाया दोहरा शतक, बने अंडर-19 के किंग

साल 2005, भारत की अंडर-19 टीम का इंग्लैंड दौरा. पहले टेस्ट मैच में ओपनिंग करते हुए पुजारा ने पहली इनिंग में ही 211 रनों की आतिशी पारी खेली. उनकी इस पारी की बदौलत भारत को अजेय बढ़त मिली और भारत ने वो मैच एक पारी और 137 रनों से जीता था.

उसके बाद वो 2006 वर्ल्ड कप अंडर-19 टीम के लिए चुने गए. इस टूर्नामेंट में पुजारा को ‘मैन ऑफ द टूर्नामेंट’ से नवाजा गया था. इस वर्ल्ड कप में पुजारा ने 6 पारियों में 3 अर्द्धशतक और 1 शतक की मदद से 349 रन बनाए थे. सेमीफाइनल में पुजारा ने इंग्लैंड के खिलाफ 129 रनों की शानदार पारी खेली थी, और ये मैच भारत 234 रनों के बड़े मार्जिन से जीता.

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फर्स्ट क्लास के ‘रन’वीर

साल 2013 में पुजारा फर्स्ट क्लास क्रिकेट में तीन तिहरे शतक लगाने वाले 9वें खिलाड़ी बने. उन्होंने एक ही महीने में ये तीनों तिहरे शतक मारे थे.

चेतेश्वर पुजारा ने अपने करियर में 170 फर्स्ट क्लास मैच खेले हैं.

इन मैचों में पुजारा ने 54.98 की औसत से 13,416 रन बनाए हैं. उनके नाम 44 शतक और 45 अर्द्धशतक हैं, जिसमें कर्णाटक के खिलाफ 2012-13 में बनाए गए 352 सर्वाधिक है.

अब तक ये तो साफ हो चुका है कि भारत को एक होनहार बल्लेबाज मिल गया है. एक ऐसा बल्लेबाज जो रनों का भूखा है और टीम की किस्मत अकेले लिखने का दम रखता है. जो आखिरी गेंद तक पिच पर टिक कर टीम के लिए रन बटोर सकता है.

ये बात पुजारा ने ऑस्ट्रेलिया दौरे के पहले मैच में तब साबित कर दी, जब टीम के 6 खिलाड़ी 20 का आंकड़ा पार नहीं कर सके और वो अकेले ही स्कोरबोर्ड पर भारत के रन बढ़ा रहे थे.

आज जब पुजारा ने अपने करियर का 16वां अंतरराष्ट्रीय टेस्ट शतक बनाया, तो उसके साथ ही उन्होंने कई रिकॉर्ड अपने नाम कर लिए.

  • 5000 रन किए पूरेः पुजारा ने आज अपना 65वें मैच की 108वीं पारी खेलते हुए ये रिकॉर्ड बनाया है. पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ ने भी 108 पारियों में ही 5000 रन बनाए थे.
  • सबसे तेज 5000 रनः पुजारा भारत के सबसे तेज 5000 रन बनाने वाले 5वें खिलाड़ी बन गए हैं. सबसे जल्दी 5000 रन बनाने का रिकॉर्ड आज भी सुनील गावस्कर(95 पारियां) का है.
  • पुजारा ऑस्ट्रेलिया में पहले ही दिन शतक बनाने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी हैं
  • नंबर 3 पर खेलते हुए ऑस्ट्रेलिया में शतक लगाने वाले पुजारा चौथे भारतीय हैं. इससे पहले ऐसा सिर्फ मोहिंदर अमरनाथ, वीवीएस लक्ष्मण और राहुल द्रविड़ ही ऐसा कर सके हैं.
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9 अक्टूबर 2010, बेंगलुरु का चिन्नास्वामी स्टेडियम. अपने करियर के दूसरे मैच में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना पहला शतक बनाया. उसके बाद से रन बनाने का जो सिलसिला शुरू हुआ वो आज 5 हजार का आंकड़ा पार कर गया है.

चेतेश्वर पुजारा का टेस्ट मैच में 50.28 का एवरेज है और अभी तक उन्होंने 16 शतक और 19 अर्द्धशतक की मदद से 5,028 रन बनाए हैं.
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क्या ये महज एक संयोग भर है कि राहुल द्रविड़ और चेतेश्वर पुजारा दोनों को 5000 रन बनाने के लिए 108 पारियां लगी. या फिर ये माना जाए कि द्रविड़ के रिटायर होने के बाद भारत की भरोसेमंद टेस्ट बल्लेबाज की खोज खत्म हो गई है.

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