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भारत के पूर्व बल्लेबाज वीबी चंद्रशेखर ने खुदकुशी की 

वीबी चंद्रशेखर को उनकी आक्रामक बल्लेबाजी के लिए जाना जाता है

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भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज वी बी चंद्रशेखर ने चेन्नई के मयलापुर के अपने घर में गुरुवार को खुदकुशी कर ली. उनका शव बेडरूम में सीलिंग फैन से लटका पाया गया. चंद्रशेखर 57 साल के थे. पहले चंद्रशेखर की मौत की वजह हार्ट अटैक बताई जा रही थी लेकिन पुलिस ने उनकी खुदकुशी की पुष्टि की है.

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कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पहले आत्महत्या की आशंका भी जताई जा रही थी. लेकिन बाद में पुलिस ने खुदकुशी की पुष्टि की. चंद्रशेखर की मौत उनके 58वें जन्मदिन से 6 दिन पहले हुई है. बता दें कि चंद्रशेखर ने भारत के लिए 1988 से 1990 के बीच 7 वनडे मैच खेले थे.

फ्रेंचाइजी में घाटे की वजह से डिप्रेशन में थे

जांच अधिकारी एस मुरुगन ने कहा कि चंद्रशेखर ने कोई सुसाइड नोट नहीं छोड़ा था. चंद्रशेखर की पत्नी ने कहा कि उन्होंने उनके कमरे का दरवाजा खटखटाया तो कोई आवाज नहीं आई. इसके बाद उन्होंने खिड़की से झांक कर देखा तो उनका शव पंखे से लटका पाया.

पुलिस के मुताबिक उनकी पत्नी ने कहा कि चंद्रशेखर ने परिवार के लोगों के साथ शाम को चाय पी और फिर लगभग पौने छह बजे अपने कमरे में चले गए. पत्नी ने कहा कि क्रिकेट फ्रेंचाइजी के कारोबार मे घाटा होने की वजह से डिप्रेशन में थे. वीबी तमिलनाडु के प्रीमियर लीग में खेलने वाली एक टीम- वीबी कांचा वीरन्स के मालिक थे. साथ ही वेलाचेरी में एक क्रिकेट एकेडमी भी चलाते थे.

वीबी चंद्रशेखर ने भारत के लिए 7 वनडे मैचों में 88 रन बनाए थे. इसमें एक अर्धशतक भी शामिल है. इंटरनेशनल क्रिकेट में भले ही चंद्रशेखर कमाल न दिखा पाए हों लेकिन फर्स्ट क्लास में उन्होंने 81 मैच खेले, जिसमें 43.09 की औसत से 4,999 रन बनाए. फर्स्ट क्लास में चंद्रशेखर के नाम 10 शतक और 23 अर्धशतक भी शामिल है. साल 1987-88 में तमिलनाडू को रणजी ट्रॉफी जिताने में चंद्रशेखर की अहम भूमिका थी.
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क्रिकेट जगत में शोक की लहर

वीबी चंद्रशेखर ने चेन्नई सुपर किंग्स की नींव रखी: सुरेश रैना

आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स की तरफ से खेलने वाले सुरेश रैना ने ट्वीट किया, ‘‘वीबी चंद्रशेखर सर के निधन की खबर से बहुत दुखी हूं. उनके प्रयासों से ही चेन्नई सुपर की मजबूत नींव रखी गई. हम पर हमेशा ही उन्होंने विश्वास रखा और हौंसला बढ़ाया. मेरी संवेदनाएं उनके परिवार के साथ हैं.’’चंद्रशेखर चेन्नई सुपर किंग्स के 3 साल तक मैनेजर भी रहे और टीम में धोनी को लाने में सबसे बड़ा हाथ इनका ही माना जाता है.

जब ग्रेग चैपल भारतीय टीम के कोच थे तब चंद्रशेखर राष्ट्रीय कोच भी रहे. बाद के सालों में उन्होंने घरेलू क्रिकेट में कमेंट्री भी की.

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