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इंटरनेशनल क्रिकेट शुरू हो रहा है, पर काफी कुछ बदल गया, पूरा ब्योरा

इंटरनेशनल क्रिकेट शुरू हो रहा है, लेकिन अब काफी कुछ बदल गया है

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लंबे वक्त से इंतजार कर रहे क्रिकेट फैंस के लिए खुशखबरी है. कोरोना संकट और लॉकडाउन के बाद 8 जुलाई से इंग्लैंड और वेस्ट इंडीज के बीच पहली क्रिकेट सीरीज खेली जाने वाली है. ये सीरीज 20 दिन तक 2 जगह चलने वाली है. इसमें 3 मैचों की टेस्ट सीरीज होगी और ये ‘बायो सिक्योर’ माहौल में खेली जाएगी.

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इंग्लैंड में करीब 3 लाख कोरोना पॉजिटिव केस और करीब 2000 नए संक्रमण के मामले रोजाना आ रहे हैं. ऐसे में इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड ये सीरीज कैसे मैनेज करेगा.

इंग्लैंड बनाम वेस्ट इंडीज A3 टेस्ट सीरीज

इंग्लैंड के हैम्पशायर के रोज बॉल क्रिकेट स्टेडियम में इंग्लैंड और वेस्ट इंडीज टेस्ट सीरीज का आगाज 8 जुलाई से होगा. इसके बाद दोनों टीमें ओल्ड ट्रैफर्ड की और रवाना होंगी. वहां पर 16 जुलाई से दूसरा और 24 जुलाई से तीसरा टेस्ट मैच खेला जाएगा.

टेस्ट सीरीज सिर्फ 3 हफ्ते ही चलने वाली है लेकिन वेस्टइंडीज टीम 7 हफ्ते के लिए इंग्लैंड का दौरा करेगी. सीरीज शुरू होने के एक महीने पहले वेस्ट इंडीज टीम अपने देश में कोरोना टेस्ट करवाकर 9 जून को इंग्लैंड पहुंचेगी. यहां पर वो करीब 3 हफ्ते रहेंगे. पहले वो अपना क्वॉरंटीन पूरा करेंगे और फिर मैच की तैयारी करेंगे.

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किस टीम से कौन सा खिलाड़ी खेलने वाला है?

वेस्टइंडीज ने अपनी 14 सदस्यीय टीम का ऐलान कर दिया है. वहीं 11 लोगों को रिजर्व में रखा गया है. वहीं इंग्लैंड ने 55 लोगों के ट्रेनिंग ग्रुप का ऐलान किया है, जिनमें से ज्यादातर लोगों ने दो हफ्ते पहले ही ट्रेनिंग लेना शुरू कर दिया है. इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड 30 खिलाड़ियों के नाम का ऐलान करेगा, जो सीरीज खत्म होने तक साथ रहेंगे.

लेकिन इतने सारे प्लेयर्स क्यों रखे जा रहे हैं?

अगर आप क्रिकेट देखते समझते हैं तो आपको ये बात अटपटी लग रही होगी कि इतने सारे प्लेयर्स क्यों रखे जा रहे हैं. आम तौर पर 15 खिलाड़ियों की टीम के साथ दौरे किए जाते हैं लेकिन 30 खिलाड़ी तक क्यों रखे जा रहे हैं. वो भी जब कोशिश है कि ज्यादा भीड़-भाड़ न की जाए फिर भी ज्यादा खिलाड़ी रखे जा रहे हैं ऐसा क्यों? इसका जवाब आपको आगे मिलेगा

ये सीरीज कैसे खेली जाएगी?

इंग्लैंड में कोरोना वायरस का ग्राफ नीचे की ओर है और उनका कोरोना का सबसे बुरा दौर गुजर चुका है. लेकिन अभी भी वहां औसतन 2000 केस रोजोना आ रहे हैं. लॉकडाउन को भी अभी पूरी तरह नहीं हटाया गया है. तो इस सब के बीच ECB टेस्ट क्रिकेट सीरीज क्यों आयोजित कर रही है?

‘बायो सिक्योर’ शब्द का इस्तेमाल बहुत महंगे पेड़-पौधों के लिए होता है. प्लेयर्स की सेफ्टी और सिक्योरिटी के लिए किया गया है. एक बार शुरुआत में कोरोना टेस्ट होने के बाद प्लेयर्स के चारों तरफ एक ‘बायो सिक्योर’ बबल बनाया जाएगा. एक बार आप इस बबल में अंदर जाएंगे इसके बाद सीरीज खत्म होने के बाद ही बाहर आ सकेंगे. इसलिए प्लेयर्स खाना खाने या मौज के लिए बाहर नहीं जा सकेंगे. अपने फैंस से भी नहीं मिल सकेंगे. सिर्फ होटल से प्रैक्टिस, प्रैक्टिस से होटल, मैच फिर होटल. जिन दो जगहों पर मैच होने वाले हैं, दोनों जगहों पर होटल स्टेडियम के एक दम पास में ही लिया गया है ताकि प्लेयर्स ज्यादा खुले माहौल में न जाएं.

साफ तौर पर सभी मैच बंद दरवाजे के भीतर यानि बिना दर्शकों के खेले जाएंगे और अभी भी पूरी की पूरी सीरीज UK सरकार की मंजूरी पर टिकी है.

सभी तैयार हैं?

वेस्टइंडीज के इंग्लैंड लैंड करने के बाद जेसन होल्डर अपनी पसंदीदा टीम के साथ नहीं दिखे हैं. तीन खिलाड़ियों को इस सीरीज के पहले स्वास्थ्य और पारिवारिक कारणों की वजह से यात्रा नहीं करने दी गई. डेरेन ब्रावो, शिमरॉन हेटमायर और कीमो पॉल इस टेस्ट सीरीज का हिस्सा नहीं रहेंगे.

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