ADVERTISEMENTREMOVE AD

अगर ऋषभ पंत को टीम में लिया है तो सपोर्ट भी करना होगाः गौतम गंभीर

साउथ अफ्रीका के खिलाफ टी20 सीरीज में ऋषभ पंत फ्लॉप रहे थे

Updated
छोटा
मध्यम
बड़ा
ADVERTISEMENTREMOVE AD

भारतीय टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने कहा है कि युवा विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋषभ पंत पर दबाव बनाना सही नहीं है. गंभीर का कहना है कि टीम प्रबंधन को उनसे बात करनी चाहिए और उनका साथ देना चाहिए.

पंत को खेल के तीनों प्रारूपों में भारतीय टीम में जगह मिली है. एक ओर जहां वो टेस्ट में अच्छा करने में सफल रहे हैं तो वहीं सीमित ओवरों में उनका शॉट सेलेक्शन और लापरवाह रवैया निशाने पर रहा है.

0

कोहली-शास्त्री करें ऋषभ से बात

गंभीर ने गुरुवार 26 सितंबर को नई दिल्ली में एक कार्यक्रम के बाद कहा कि अगर आप युवा खिलाड़ियों को चुन रहे हैं तो फिर उनकी इतनी आलोचना के बजाए उनका साथ देना चाहिए.

“मुझे लगता है कि किसी भी युवा खिलाड़ी के ऊपर इस तरह का फोकस करेंगे तो परेशानी होगी. अभी उन्हें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में एक-डेढ़ साल ही हुआ है. इतने में ही वो टेस्ट में दो शतक जमा चुके हैं. अगर आप बोलेंगे कि आपको उनके शॉट सेलेक्शन से परेशानी है तो ये उनका खेल है. आप उनको टीम में लीजिए या नहीं लीजिए. अगर आप उनको चुन रहे हैं तो फिर आप उनका साथ दीजिए क्योंकि एक युवा खिलाड़ी की इतनी आलोचना सही नहीं है.”

गंभीर ने साथ ही इस बात पर भी जोर दिया कि कप्तान और कोच को पंत से बात कर उनकी फॉर्म वापसी में मदद करनी चाहिए.

“सिर्फ विराट कोहली को ही नहीं कोच रवि शास्त्री को भी पंत से बात करनी चाहिए. टीम प्रबंधन का काम ही यही है कि आपका जो खिलाड़ी फॉर्म में नहीं है या फिर गलत शॉट सेलेक्शन कर रहा है, उससे बात कर उसे फॉर्म में लाया जाए और उसके खेल को सुधारा जाए. पंत को स्वतंत्रता देने की जरूरत है.”
ADVERTISEMENTREMOVE AD

अपने हिसाब से सीरीज नहीं चुन सकतेः गंभीर

भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के संन्यास को लेकर भी काफी अटकलें लगाई जा रहीं है. वह विश्व कप से बाद से टीम में नहीं हैं और लगातार चयनकर्ताओं से आराम मांग रहे हैं.

धोनी के संन्यास की खबरों पर गंभीर ने कहा,

“मैंने हमेशा से कहा है कि संन्यास का फैसला हर किसी का निजी फैसला है. मुझे लगता है कि चयनकर्ताओं को धोनी से बात करनी चाहिए और पूछना चाहिए कि उनकी रणनीति क्या है क्योंकि अगर आप भारत के लिए खेलते तो आप सीरीज का चुनाव अपने हिसाब से नहीं कर सकते.”

गंभीर ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) में लगातार उठ रहे हितों के टकराव के मुद्दों पर भी अपनी राय रखी. हाल ही में राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) के कोच बनाए गए राहुल द्रविड़ पर हितों के टकराव का आरोप है.

इस पर गंभीर ने कहा, "यह काफी मुश्किल सवाल है. राहुल अगर एनसीए के कोच रहते हैं तो इससे बेहतर बात एनसीए, भारत और देश के युवा खिलाड़ियों के नहीं हो सकती."

ADVERTISEMENTREMOVE AD

टेस्ट सीरीज में बुमराह की कमी खलेगी

भारतीय टीम के पूर्व तेज गेंदबाज चेतन शर्मा ने हाल ही में अंग्रेजी अखबार हिन्दुस्तान टाइम्स से कहा था कि विराट कोहली को घर में होने वाले टेस्ट मैचों से जसप्रीत बुमराह को आराम देना चाहिए ताकि उन्हें विदेशों के लिए बचाया जा सके.

गंभीर ने कहा, "अगर कोई अच्छा है तो उसे हर परिस्थिति में खेलना चाहिए. ऐसा नहीं है कि आप किसी को सिर्फ विदेशों के लिए चुनें. आप इस तरह से अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेल सकते हैं."

बुमराह हालांकि चोटिल हैं और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दो अक्टूबर से शुरू हो रही तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में नहीं खेल पाएंगे. गंभीर ने कहा कि बुमराह की कमी निश्चित तौर पर भारतीय टीम को खलेगी.

बुमराह के न होने पर गंभीर ने कहा,

“वह टेस्ट में नंबर-1 गेंदबाज हैं. उनकी कमी निश्चित तौर पर खलेगी. इससे मोहम्मद शमी और ईशांत शर्मा को तीन टेस्ट मैच खेलने का मौका मिलेगा. बुमराह किसी भी टीम के लिए किसी भी प्रारूप में बड़ा खतरा है और वो टीम में नहीं है इसका बड़ा प्रभाव पड़ेगा.”

इस सीरीज में रोहित शर्मा को बतौर सलामी बल्लेबाज शामिल किया गया है. गंभीर ने रोहित को टेस्ट में सलामी बल्लेबाज के तौर पर चुने जाने पर कहा, "उन्होंने विश्व कप में पांच शतक लगाए हैं तो उनका टेस्ट टीम में शामिल होना जाहिर सी बात है. और अगर आप उन्हें टीम में चुनते हैं तो और मध्य क्रम में जगह नहीं है तो रोहित इतने अच्छे खिलाड़ी हैं कि वो अच्छा करेंगे. अगर आप उन्हें चुन रहें तो उन्हें अंतिम-11 में रखें और अगर नहीं रख पाते हैं तो टेस्ट में उन्हें न चुनें. अभी टेस्ट में सलामी बल्लेबाजी ही एक ऐसी जगह है जहां वो खेल सकते हैं और मुझे लगता है कि वह इसके लिए तैयार हैं."

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×