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IND v AUS: पिच पर हाहाकार और प्रैक्टिस से इंकार, ऑस्ट्रेलिया ने खुद चुनी ये हार!

IND vs AUS Nagpur Test: दोनों पारियों में ऑस्ट्रेलिया के सिर्फ 4-4 बल्लेबाज ही दहाईं का आंकड़ा पार कर पाए.

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भारत ने ऑस्ट्रेलिया (IND vs AUS Test) को बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी (BGT) सीरीज के पहले मैच में ऐसे हरा दिया जैसे कंगारू टीम को कोई बुरा सपना आया हो. पूरे मैच में एक भी पल ऐसा नहीं रहा जब लगा कि अब ये टीम भारत पर पलटवार करने की स्थिती में आई.

मौजूदा वक्त की नंबर एक टेस्ट टीम के लिए इतनी करारी हार को पचा पाना इतना भी आसान नहीं होगा, लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने कई ऐसी गलतियां की जिसने भारत को मौका दिया. दोनों पारियों में ऑस्ट्रेलिया के सिर्फ 4-4 बल्लेबाज ही दहाईं का आंकड़ा पार कर पाए, बाकी पूरी बल्लेबाजी ताश को पत्तों की तरह बिखर गई.

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प्रेक्टिस मैच न खेलना ऑस्ट्रेलिया पर भारी पड़ा

बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी (BGT) सीरीज हो, आप विदेशी जमीं पर खेलने जो रहे हों, आप पहले से ही पिच को लेकर आशंकित हैं, परिस्थियों को ठीक से भांप नहीं पा रहे, लेकिन फिर भी आपके अंदर ऐसा कौन सा आत्मविश्वास था कि आपने कोई प्रैक्टिस मैच खेलना जरूरी नहीं समझा? दुनिया जानती है कि किसी भी अहम विदेशी दौरे पर प्रैक्टिस मैच खेलना कितना जरूरी है, लेकिन कंगारुओं ने इसे हल्के में लिया.

इसी का नतीजा है कि वे पिच और मौसम के अनुकूल खुद को ढाल ही न पाए और हार के साथ भारत में भारत के खिलाफ सबसे छोटे टेस्ट स्कोर का अनचाहा रिकॉर्ड (एक पारी में 91 रन पर ऑलआउट) बना दिया.

विकेट में नहीं थी दिक्क्त, हो गया साबित

मैच से पहले ऑस्ट्रेलियाई खेमा और मीडिया पिच को लेकर लगातार भारत को कोसता रहा. उनका आरोप था कि भारत जान बूझकर स्पिन वाले विकेट बनाएगा जिससे बल्लेबाजों को दिक्कत हो. ऑस्ट्रेलिया में कई ओपिनियन छपे जिसमें ऐसी बातें कही गईं, लेकिन मैच खत्म होते ही साबित हो गया कि इन आरोपों में कोई दम नहीं था.

भारत ने उसी पिच पर एक पारी में 400 रन बना दिए, जबकि कंगारू 2 पारी मिलाकर 300 रन भी नहीं बना पाए. पूर्व भारतीय क्रिकेटर वसीम जाफर ने लिखा कि

"जब तक पिच पर दोनों टीमें बल्लेबाजी न कर लें, तब तक इसे जज नहीं करना चाहिए. अगर दोनों टीमों को परेशानी हुई हो तो यहां पिच की गलती है, लेकिन अगर एक ही टीम को दिक्कत हुई तो ये स्किल की बात है."
वसीम जाफर, पूर्व भारतीय खिलाड़ी
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भारत को क्या हासिल हुआ?

3 बड़े बल्लेबाजों ने कोई बड़ा योगदान नहीं दिया. भारते के लिए डेब्यू करने वाले 2 खिलाड़ी भी कोई कमाल नहीं दिखा पाए. भारत टॉस भी हारा फिर भी ये मैच 3 दिन में खत्म हो गया, तो भारत को इससे क्या मैसेज मिलता है? इसमें भारत की बल्लेबाजी में गहराई साफ झलकती है. सातवें नंबर पर जडेजा ने 70 और नौंवे नंबर पर अक्षर पटेल ने 84 रन बनाए और वो भी निचले क्रम के खिलाड़ियों के साथ मिलकर.

जडेजा की वापसी भी मैदान पर 5 महीने बाद हो रही थी ऐसे में उन्होंने शानदार वापसी करके अपने फॉर्म का संकेत दे दिया है. रोहित की आक्रामक कप्तानी को भी इसमें शामिल किया जाना चाहिए. 3 स्पिनर्स को रोहित जिस तरह से समझदारी के साथ प्रयोग में लाए वो तारीफ के काबिल था.

अगला टेस्ट मैच दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में होना है जहां भारतीय टीम 36 सालों से कोई टेस्ट मैच नहीं हारी है.

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