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Ind vs Eng: भारत ने 3 सीरीज के अलावा भी काफी कुछ पाया, कुछ खोया भी

इंग्लैंड दौरे में टीम इंडिया ने खुद को फिर से खोजा है

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दुनिया की सबसे बेहतरीन क्रिकेट टीमों में से एक इंग्लैंड ने बीते दिनों भारत में करीब दो महीने का लंबा दौरा किया. क्रिकेट की तीनों फॉर्मेट टेस्ट, वनडे और टी-20 में भरपूर मैच हुए और क्रिकेट दर्शकों का भरपूर मनोरंजन हुआ. टीम इंडिया के लिए ये दौरा बेहद खास रहा है, इसका सबसे अहम कारण तो यही है कि तीनों फॉर्मेट में टीम ने सीरीज जीती हैं. लेकिन इसके अलावा भी बहुत कुछ है जो भारत ने कमाया है. वहीं ऐसे भी कुछ पहलू हैं जिन पर टीम इंडिया को मंथन करना जरूरी है.

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क्या खोया?

नहीं आया कुलचे में स्वाद- पिछले करीब 3 साल से टीम इंडिया की स्पिन बॉलिंग में कुलदीप यादव और युजवेंद चहल की जोड़ी बेजोड़ रही थी. लेकिन इस पूरे दौरे में कुलदीप और चहल दोनों ही खास नहीं कर पाए. दोनों की बॉलिंग पर लंबे-लंबे शॉट लगते नजर आए, दोनों की जमकर धुनाई हुई और इनकी स्पिन का पैनापन कुंद दिखा. चहल को तीन टी-20 में सिर्फ 3 विकेट मिले. कुलदीप यादव 2 वनडे मैचों में एक भी विकेट नहीं ले पाए और पिटाई भी खूब हुई.

नहीं चले रहाणे, गिल- ऑस्ट्रेलिया दौरे से टेस्ट ओपनर के तौर पर शुभमन गिल ने अपने खेल से भरोसा जीता था. लेकिन इंग्लैंड के साथ 4 टेस्ट मैचों में मिलाकर वो सिर्फ 119 रन बना सके. इसके अलावा टेस्ट में टीम इंडिया के उपकप्तान अजिंक्य रहाणे भी इंग्लैंड के साथ कुछ खास नहीं कर सके. रहाणे ने भी 4 टेस्ट में सिर्फ 112 रन ही बनाए.

कोहली नहीं बना पा रहे शतक- रन मशीन कोहली लगातार रन तो बना रहे हैं, लेकिन काफी लंबे वक्त से वो अपनी बैटिंग को शतकीय पारी में नहीं बदल पा रहे हैं. अगस्त 2019 के बाद से अब तक विराट कोहली किसी भी फॉर्मेट में शतक नहीं मार सके हैं. वो अक्सर 70-80 के फेर में ही उलझकर आउट हो जा रहे हैं. कोहली को इसी बात के लिए जाना जाता था कि एक बार वो 40-50 रन पार करते हैं तो वो टीम के लिए बड़ा योगदान देते हैं लेकिन अब ऐसा नहीं हो पा रहा है.

DRS नहीं हो पा रहे सटीक- जब तक विकटों के पीछे धोनी थे, तब तक गेंदबाजों को डीआरएस लेने में वो बड़ी मदद किया करते थे. लेकिन अब उनकी कमी खल रही है. टीम इंडिया के पास लंबे वक्त तक स्थाई विकेटकीपर नहीं होने की वजह से DRS को लेकर रणनीति पुख्ता नहीं दिखती है. पंत बतौर विकेटकीपर बल्लेबाज अपनी जगह पक्की करते हुए दिख रहे हैं. लेकिन DRS के मामले में उन्हें अभी और काम करना होगा. उन्होंने बहुत सारे DRS लेने के वक्त गलत फैसले किए हैं.

श्रेयस अय्यर की चोट अखरेगी- टीम इंडिया की बैटिंग लाइनअप में मिडिल ऑर्डर के मजबूत खिलाड़ी श्रेयस अय्यर को वनडे सीरीज के पहले मैच में ही कंधे में चोट लग गई है. इसी वजह से वो IPL 2021 भी नहीं खेल पाएंगे. फिलहाल उनकी सर्जरी होनी है और वो अगले 4-5 महीने तक क्रिकेट नहीं खेल पाएंगे. इसके बार उन्हें रिकवर करने के लिए भी वक्त लग सकता है.

क्या पाया?

तीनों सीरीज जीतने का आत्मविश्वास- टीम इंडिया ने इंग्लैंड के भारत दौरे पर तीनों फॉर्मेट में सीरीज जीती हैं. इसके बाद टीम इंडिया अगस्त में होने वाली वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) के लिए मनोवैज्ञानिक रूप से मजबूत होगी. पूरी सीरीज में विराट कोहली भी टीम में रहे हैं तो ये भी अच्छा है, क्यों कि ऑस्ट्रेलिया दौरे में टेस्ट में कप्तानी से छोटे से ब्रेक बाद अब इंग्लैंड के साथ सीरीज जीतने से उनका मनोबल भी बढ़ा हुआ है.

हारकर जीते, बने सिकंदर- टेस्ट और टी-20 में इंग्लैंड ने ही सीरीज के पहले मैच जीते लेकिन वहां से टीम इंडिया ने वापसी की. टेस्ट में पहला मैच हारने के बाद अश्विन के चौतरफा प्रदर्शन के दम पर टीम इंडिया ने गजब की वापसी की. उसके बाद टीम इंडिया का अजेय रथ थमा ही नहीं और WTC पॉइंट टेबल में भी टीम टॉप पर आ गई.

विपरीत परिस्थियों के बावजूद उम्दा प्रदर्शन- टेस्ट में तो परिस्थितियां भारत के पक्ष में काम कर रहीं थीं. भारत ने स्पिनर्स ज्यादा खिलाए और पिच से भी गजब का टर्न देखने को मिला. लेकिन टी-20 और वनडे में ड्यू एक बड़ा फैक्टर था और लक्ष्य का पीछा करने वाली टीम को फायदा मिल रहा था. कप्तान कोहली ने ज्यादातर टॉस हारे और टीम इंडिया को विपरीत परिस्थितियों में पहले बैटिंग करनी पड़ी लेकिन टीम इंडिया ने फिर भी इंग्लैंड को ज्यादा बार पछाड़ा.

धमाकेदार डेब्यू, भरपूर बेंचस्ट्रेंथ- भारत के पास अब खिलाड़ियों की कमी नहीं है, टीम में भरपूर टैलेंट हैं. अच्छे सीनियर खिलाड़ी हैं तो एक से एक चौंकाने वाले युवा खिलाड़ी भी हैं. टेस्ट मैच में अक्षर पटेल ने डेब्यू किया और 3 मैचों में 27 विकेट झटके. पूरी सीरीज में उनका सबसे बढ़िया बॉलिंग एवरेज रहा, अश्विन से भी ज्यादा.

अब टीम के पास जडेजा के अलावा वॉशिंगटन सुंदर भी एक अच्छा ऑलराउंडर है. टी-20 में आईपीएल में मुंबई इंडियंस के लिए खेलने वाले ईशान किशन ने दूसरे टी-20 में 56 रनों की पारी के साथ शानदार डेब्यू किया. ऐसे ही सूर्यकुमार यादव ने भी डेब्यू के साथ ही चौंकाया. पहले वनडे में क्रुणाल पंड्या ने अपने डेब्यू पर ही 31 गेंदों में 58 रन की धुआंधार पारी खेली. वनडे में प्रसिद्ध कृष्णा का भी डेब्यू अच्छा रहा. 3 मैच में प्रसिद्ध ने 6 विकेट झटके पहले मैच में तो उन्होंने जरूरत के वक्त विकेट झटके. तो इस लिहाज से तीनों फॉर्मेट में टीम इंडिया के पास भरपूर बेंचस्ट्रेंथ है, जो कि फॉर्म में है. मतलब कप्तान के पास विकल्पों की कोई कमी नहीं है.
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स्थायी विकेटकीपर बल्लेबाज के तौर पर स्थापित हुए पंत- ऑस्ट्रेलिया हो या इंग्लैंड दोनों दौरों में अगर किसी खिलाड़ी ने लोगों के दिल में जगह बनाई है, तो वो हैं ऋषभ पंत. तीनों फॉर्मेट में पंत का बल्ला चल रहा है. पंत ने 4 टेस्ट में 270 रन, 2 वनडे में 155 रन, 5 टी-20 में 102 रन बनाए हैं. पंता का बल्ला जमकर बोल रहा है. वहीं विकेटकीपिंग को लेकर धोनी की तुलना के साथ उनकी शुरुआत में जो भयानक आलोचना होती थी, अपनी अच्छी कीपिंग के बूते पंत ने उन आलोचकों को भी चौंकाया है. पंत ने पूरी सीरीज में अच्छी कीपिंग की है और किसी मौके पर निराश नहीं किया है. अभी भी वो धोनी जितने परिपक्व तो नहीं हुए हैं लेकिन उनमें गजब का निखार आया है. विकटों के पीछे से पंत के लगातार चें-चें बोलने की आवाज आती रहती है और वो मनोरंजन भी कराते रहते हैं. पंत को अब IPL की दिल्ली कैपिटल्स टीम का कप्तान भी बना दिया गया है.

फिरकी के साथ अश्विन का बल्ला भी चला- चोट से रिकवर होने के बाद रविचंद्रन अश्विन ने टेस्ट क्रिकेट में गजब की वापसी की है. अश्विन ने 4 मैचों में 32 विकेट झटके हैं. वहीं बल्ले से भी कमाल करते हुए, उन्होंने सीरीज में 189 रन बनाए हैं. अब वो एक ठोस ऑलराउंडर के तौर पर दिखने लगे हैं. दूसरे टेस्ट मैच की दूसरी इनिंग्स में 8वें नंबर पर खेलते हुए उन्होंने 106 रनों की शतकीय पारी खेली और टीम का स्कोर 286 तक पहुंचाया. विपरीत परिस्थितियों में बैटिंग करके अश्विन ने चौंकाया.

टीम के पास अब लंबी बैटिंग लाइनअप- टीम इंडिया के पास अब डीप बैटिंग लाइनअप हो गई है. टीम में कप्तान के पास कॉम्बिनेशन के लिए भरपूर विकल्प हैं. उदाहरण के तौर पर 8-9वें नंबर पर शार्दुल ठाकुर, भुवनेश्वर कुमार जैसे खिलाड़ी भी आकर गिरती हुई बैटिंग को सहारा दे सकते हैं. हर स्तर पर टीम के पास भरपूर प्लेयर हैं. मिडिल ऑर्डर में भी टीम के पास भरपूर विकल्प है. किसी को भी उपर नीचे करके खिलाया जा सकता है. निचले क्रम में भी टीम इंडिया के पास ठोस किस्म के बल्लेबाज हैं.

ओपनर ही ओपनर

याद है वो मैच जब चर्चा चल रही थी कि किससे ओपन कराएं. मसला ये नहीं था कि खिलाड़ी कम थे. मसला ये था कि ईशान को लाएं या फिर राहुल को लाएं या फिर रोहित शर्मा. तो अब टीम इंडिया के सामने ऐसे विकल्प हैं. ऊपर से कोहली-रोहित के ओपनिंग करने वाला आइडिया भी सुपर-डुपर हिट हुआ है और आगे भी ये देखने को मिल सकता है. धवन और रोहित की जोड़ी ने 5000 रन पूरे कर लिए. ऐसा दुनिया में सिर्फ सात जोड़ियां कर पाई हैं. इसके साथ ही सबसे ज्यादा शतकीय पारियों के मामले में ये जोड़ी नंबर दो पर आ गई है. सचिन-गांगुली के नाम 21 शतकीय पारियां हैं, जबकि धवन-रोहित ने 17 पारियां पूरी की हैं.

अब टीम में भरपूर ऑलराउंडर- ऐसा बहुत ही कम होता है कि किसी टीम के पास दो पेस बॉलिंग वाले ऑलराउंडर हों. अब भारत के पास हार्दिक पंड्या और शार्दुल ठाकुर जैसे दो पेस बॉलिंग करने वाले ऑलराउंडर हैं. विदेशी मैदानों की हरी पिच पर ये काम आएंगे. वहीं स्पिन ऑलराउंडर में भी कोई कमी नहीं हैं. अश्विन, वॉशिंगटन सुंदर, रवींद्र जडेजा और क्रुणाल पंड्या जैसे खिलाड़ियों से टीम को गजब की विविधता मिली है.

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भुवेश्वर, हार्दिक की इंजरी के बाद गजब की रिकवरी- भुवनेश्वर कुमार IPL 2020 के वक्त ही इंजरी का शिकार हो गए थे और IPL के बाद काफी वक्त तक वो मैदान से बाहर रहे थे. लेकिन अब कुमार ने 3 वनडे में 6 विकेट और 5 टी-20 में 4 विकेट लेते हुए गजब की रिकवरी की है. अश्विन की इंजरी के बाद रिकवरी की हम बात कर ही चुके हैं. इसके अलावा पीठ में चोट के बाद हार्दिक ने भी काफी वक्त क्रिकेट नहीं खेला लेकिन मैदान पर जब उनकी वापस हुई तो उन्होंने ऐसा बिल्कुल महसूस नहीं होने दिया. उनका बल्ला भी बोला और उनकी गेंद भी घूमी.

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