होली पर अपन अतरंगी हो जाते हैं. इंग्लैंड की टीम सोच रही होगी ये क्या घनचक्कर है. जीता हुआ मैच छीन लिया. चीटिंग, चीटिंग, चीटिंग. 337 रन का टारगेट था तो हमने बड़ी आसानी से 6 विकेट से भारत को दबा लिया. अब तीसरे और फाइनल वाले मैच में 6 रन कम का टारगेट, फिर भी हमारी ये गत! तो बटलर ब्रो, होली का मौका है, यहां जब हम किसी के साथ ऐसे उलटा पुल्टा कर देते हैं तो यही कहते हैं बुरा न मानो होली है. और यही आपसे और खासकर सैम करन से शिखर धवन, भुवी, पंत और शार्दुल ठाकुर ने आज कहा है.
रंगबाज बल्लेबाज
इंग्लैंड के लिए हार का रंग भरा गड्ढा खोदने की शुरुआत एकदम शुरू में ही शिखर धवन ने कर दी थी. उनके साथ ओपनिंग करने उतरे रोहित भले ही थोड़े धीमे थे लेकिन उनके साथ मिलकर धवन ने 103 रन की ओपनिंग दी. शिखर धवन ने शानदार 67 रन बनाए. जब राशिद ने इनकी जोड़ी तोड़ी तो बैट की पिचकारी पकड़ी ऋषभ पंत और पांड्या ने. पंत ने शानदार 78 रन बनाए और पांड्या ने धुआंधार 64 रन. वो तो कोहली ने नहीं खेली होली नहीं तो इंग्लैंड की टीम और भी बेरंग हो सकती थी. और हमारे पुछल्ले बल्लेबाजों का ध्यान गेंद नहीं होली की गोली पर ज्यादा था. अगर आखिर के पांच ओवर में सिर्फ 29 रन पर चार विकेट नहीं गिरते तो समझिए आपका टारगेट क्या होता. 350? 360? 370?
फिर गेंदबाज बोले-आज न छोड़ेंगे बस हम कोहली!
जब लगा कि आखिर के ये ओवर कहीं टीम इंडिया को भारी न पड़ जाएं तो रंग जमाने आ गए अपने गेंदबाज. गेंदबाजों ने ऐसी रंगबाजी दिखाई कि एक समय तो ऐसा लगा कि इंग्लैंड की टीम ढाई सौ से पहले सिमट जाएगी. शार्दुल ठाकुर आज बैट से ज्यादा कुछ नहीं कर पाए लेकिन उनकी गेंदों की पिचकारी एकदम निशाने पर लगी. गेंद फेंकी और धब्बा, फिर धब्बा, फिर धब्बा और फिर धब्बा. चार विकेट, चार बल्लेबाजों का काटा टिकट. रही सही कसर भुवनेश्वर ने पूरी कर दी. तीन रन बनाए थे, तीन विकेट भी ले लिए. क्या संयोग है.
लेकिन सैम करन भाई ने आखिर में हमारी होली खराब करने की पूरी प्लानिंग कर डाली थी. एकदम सांस अटका दिया था. लेकिन दोस्त सैम होली पर ललचा गप से खा लेना आम बात है. इसका अलग ही मजा है. एक बार फिर से बुरा न मानो होली है. हैप्पी होली.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)