बुधवार से पहले भले ही ये सवाल दूर दूर तक चर्चा में नहीं था लेकिन शिखर धवन ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज का आगाज जिस तरह से किया है उसके बाद ये सवाल उठना जायज है. ये सवाल इसलिए और ज्यादा उठेगा क्योंकि टीम में दो खिलाड़ी ऐसे हैं जिनका प्रदर्शन शिखर धवन जैसा ही है, लेकिन अपनी किस्मत से वो बचे हुए हैं.
पहले टी-20 मैच में टीम इंडिया भले ही चार रन से हार गई लेकिन शिखर धवन ने शानदार बल्लेबाजी की. उनकी बल्लेबाजी बेखौफ थी. उन्होंने 42 गेंद पर 76 रन बनाए. उसमें 10 चौके और 2 छक्के शामिल थे. जब तक वो क्रीज पर थे मैच भारत के पक्ष में था. खैर, शिखर धवन का ये अंदाज काफी समय बाद दिखाई दिया जब वो गब्बर की तरह दहाड़ रहे हो. इसके पीछे ऑस्ट्रेलिया की पिचों पर उनका ‘नैचुरल एग्रेशन’ है.
किसी भी बल्लेबाज के लिए मुश्किल दौरे पर इस तरह की शुरुआत उसके आत्मविश्वास को अलग मुकाम पर ले जाती है. मुसीबत ये है कि इस पारी के बाद शिखर धवन का खोया आत्मविश्वास वापस आ भी गया तो वो टीम इंडिया के लिए ज्यादा दिन तक काम नहीं आएगा. ऐसा इसलिए क्योंकि शिखर धवन टेस्ट टीम का हिस्सा नहीं हैं. टी-20 सीरीज के बाद उन्हें बाहर बैठकर मैच देखना होगा. टेस्ट सीरीज खत्म होने के बाद एक बार फिर वो वनडे खेलने के लिए वापस मैदान में उतरेंगे.
देखने वाली बात होगी कि दोनों सीरीज के बीच का ‘ब्रेक’ उन्हें फायदा पहुंचाएगा या नुकसान. लेकिन अगर शिखर धवन ने टी-20 सीरीज के बाकी बचे दो मैचों में भी अच्छे रन बना दिए तो सवाल ये उठेगा कि अगर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए रोहित शर्मा और केएल राहुल को मौका मिल सकता है तो शिखर धवन को क्यों नहीं? इस सवाल का आधार ये आंकड़े होंगे
ये सच है कि शिखर धवन के आंकड़े बेहतर इसलिए दिख रहे हैं क्योंकि उन्होंने इन 6 टेस्ट मैचों में से एक टेस्ट अफगानिस्तान के खिलाफ खेला था. जिसमें उन्होंने 107 रन बनाए थे. अगर उनके 107 रनों को निकाल दिया जाए तो इंग्लैंड में उनकी औसत 20.25 की थी. जबकि दक्षिण अफ्रीका में 16 रनों की. लेकिन सच ये भी है कि 19.5 की औसत पर रोहित शर्मा को टेस्ट टीम में जगह दी गई.
काफी हद तक ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि रोहित शर्मा को चुने जाने के लिए एक तरह का दबाव सा बन गया था. इंग्लैंड के खिलाफ जब आखिरी टेस्ट मैचों के लिए टीम में उनका नाम नहीं आया तो कई पूर्व क्रिकेटर्स ने रोहित शर्मा के पक्ष में सोशल मीडिया में लिखा. उन्होंने लिखा कि...
रोहित शर्मा को टेस्ट सीरीज में मौका मिलना चाहिए था. वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए भी वो टीम में नहीं चुने गए थे. उनके अलावा शिखर धवन का नाम भी वेस्टइंडीज के खिलाफ घरेलू सीरीज के लिए शामिल नहीं किया गया था. आश्चर्य तब हुआ जब ऑस्ट्रेलिया के लिए टीम चुने जाते वक्त रोहित शर्मा को जगह मिल गई जबकि शिखर धवन के हाथ लगी मायूसी.
पहले मैच में अलग ही दिखा शिखर का जलवा
पहले टी-20 मैच में शिखर धवन जिस तरह खुलकर बल्लेबाजी कर रहे थे ऐसा लग ही नहीं रहा था कि विदेशी मैदान में खेल रहे हैं. बल्कि कॉमेंट्री कर रहे खिलाड़ियों ने मस्ती करते हुए कहा भी कि चूंकि शिखर की ससुराल ऑस्ट्रेलिया में ही है इसलिए उन्हें ‘होम अवे होम’ जैसी ‘फीलिंग’ आ रही होगी. मौज मस्ती से अलग सच बात ये है कि शिखर धवन की तकनीक ऑस्ट्रेलियाई पिचों पर कारगर साबित होती है. वो बैकफुट पर जाकर शॉट्स खेलते हैं. ज्यादातर कट और पुल शॉट्स लगाते हैं.
लगे हाथ ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शिखर धवन के पिछले प्रदर्शन की बात भी कर लेते हैं. ऑस्ट्रेलियाई मैदानों में खेले गए 3 टेस्ट मैच में उन्होंने 167 रन बनाए हैं. 4 टी-20 मैच में उनके खाते में 149 रन हैं, जबकि कंगारुओं के घर में खेले गए 8 वनडे मैचों में शिखर धवन ने 342 रन बनाए हैं. ये आंकड़े शिखर धवन की पैरवी नहीं करते लेकिन ये तर्क उनकी पैरवी जरूर करता है कि शिखर धवन जैसे प्रदर्शन के बाद भी केएल राहुल और रोहित शर्मा टीम में क्यों हैं?
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)