कहने को तो मुंबई इंडियंस की जीत में मैन ऑफ द मैच जसप्रीत बुमराह की भूमिका काफी अहम रही. ट्रैंट बोल्ट के शुरुआती 2 विकेट ने भी दिल्ली को झकझोर दिया. बल्लेबाजी के दौरान सूर्यकुमार यादव और ईशान किशन की आक्रामक अर्धशतकीय पारियों का योगदान भी किसी से कम नहीं रहा.
पलक झपकते, तूफानी अंदाज में विरोधी को पूरी तरह से मटियामेट करने का जो कमाल हार्दिक पांड्या ने किया, उसका तो कोई जोड़ नहीं है. मुंबई भाग्यशाली है कि डेथ ओवर्स में बल्लेबाजी के लिए उनके पास हार्दिक जैसा धुरंधर है जो गेंदबाजों पर यमराज जैसा कहर ढाता है.
सिर्फ 14 गेंद खेलते हुए पांड्या ने 5 छक्के लगाये और नाबाद 37 रन बनाते हुए मुंबई का स्कोर 200 पर ले गये और मैच के बाद दिल्ली के कप्तान श्रैय्यस अय्यर ने माना कि 170 का स्कोर इस मैच में पीछा करने लायक था. अय्यर की बात बिलकुल सही थी. दिल्ली अपने इरादे में कामयाब भी हो रही थी क्योंकि मिड्ल ओवर्स में 7वें से 15वें के बीच में मुंबई सिर्फ 59 रन ही 9 ओवर के फेज में बना पाया था और इस दौरान किवंटन डि कॉक, सूर्यकुमार यादव और काइरन पोलार्ड जैसे धुरंधरों के विकेट भी चुका था.
पांड्या का पावर
इस सीजन 13 मैचोंं में पंड्या ने करीब 183 के स्ट्राइक रेट से 278 रन बनाए हैं जिसमें 25 छक्के और 14 चौके रहे हैं. पंड्या के साथी पोलार्ड का स्ट्राइक रेट(190) ही इस सीजन उनसे बेहतर रहा है लेकिन वेस्टइंडीज के इस खिलाड़ी ने पंड्या से 2 मैच ज्यादा खेले हैं. रन, चौके और छक्के के मामले में भी पोलार्ड तो पंड्या से पीछे ही हैं. इस सीजन छक्के मारने के मामले में ईशान किशन ने 29 और संजू सैमसन के 26 पंडया से भले ही ज्यादा दिखते हैं लेकिन ये दोनों टॉप ऑर्डर के बल्लेबाज हैं इन्होंने बहुत ज्यादा गेंदें खेली है.
एक पारी में सबसे धुआंधार स्ट्राइक रेट रखने के कमाल में आईपीएल इतिहास में हार्दिक ने टॉप 100 पारियों में से 7 बार खुद की एंट्री करा रखी है.
आप खुद सोचिए कि हर साल दुनिया भर के एक से एक धुरंधर बल्लेबाज आते हैं और कितनी ही आतिशी पारियां खेल जाते है लेकिन उसके बावजूद अगर 7 फीसदी जगह अकेले पंड्या ने काबिज कर रखी है तो उन्हें आईपीएल और क्रिकेट के सबसे खतरनाक हिटर में तो गिना ही जाएगा. इतना ही आईपीएल इतिहास में सबसे बेहतरीन स्ट्राइक रेट रखने वाले सबसे उम्दा 5 बल्लेबाजों की लिस्ट में पंड्या इकलौते भारतीय भी हैं.
पंड्या मुंबई के लिए एक तरह से ब्रहास्त्र की भूमिका निभााते हैं. इस सीजन तो फिटनेस के चलते उन्होंने गेंद थामी भी नहीं है नहीं तो उनका प्रभाव और दुगुणा होता. ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए टेस्ट सीरीज में भारतीय चयनकर्ताओं ने उन्हें चुना नहीं है लेकिन सिर्फ अपनी आक्रामकता और शार्ट पिच गेंदों पर छक्के लगाने की काबिलियत के चलते ये सिर्फ बल्लेबाज के तौर पर ही काफी साबित हो सकते थे.
(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)